नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक ड्रोन लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप TSAW ड्रोन को ऑर्डर देने की घोषणा के साथ ही ड्रोन के जरिये विभिन्न मेडिकल उत्पादों की आपूर्ति से जुड़ी महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत कर दी है।
शुरूआत तीन जिलों से
मीडिया खबरों के मुताबिक ICMR की परियोजना के तहत तीन स्थानों, यद्दारी भुवनगिरि जिला (तेलंगाना), मणिपाल (कर्नाटक) और लाहौल (हिमाचल प्रदेश) में स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को मदद देने के लिए छह महीने तक नियमित डिलिवरी करनी है। इस डिलिवरी के तहत वितरण केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित कई लोकेशन जोड़े जाएंगे और महत्त्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति के साथ ही टीबी और डायग्नॉस्टिक नमूने भेजने की सुविधा भी होगी।
सुदूर इलाकों में पहुंचेगी स्वास्थ्य सेवा
कोरोना महामारी के दौरान सरकारी एजेंसियों ने ड्रोन के जरिये पहले प्रायोगिक परीक्षण किया था। ICMR ने पहले भी यह अंदाजा लेने की कोशिश की थी कि ड्रोन के जरिये देश के पूर्वाेत्तर क्षेत्र में कोविड-19 टीके और दवाएं भेजी जा सकती हैं या नहीं और इसके लिए आई-ड्रोन प्रोग्राम लॉन्च किया गया था। ICMR के वैज्ञानिक-डी और प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. सुमित अग्रवाल ने इसे एक महत्त्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि ICMR की प्रतिबद्धता से ही देश में स्वास्थ्य सेवा डिलिवरी की सीमाओं का विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक की क्षमताओं का इस्तेमाल करते हुए हम न केवल नए दरवाजे खोल रहे हैं बल्कि हम देश के सुदूर इलाके में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच की बाधाओं को भी दूर कर रहे हैं।
निजी कंपनियों ने भी दी हैं ऐसी सेवा
कई निजी कंपनियों ने ड्रोन के जरिये दवाएं पहुंचाने और आपूर्ति करने में हाथ आजमाया है। डिजिटल स्वास्थ्य सेवा कंपनी टाटा 1 MG ने 2022 के आखिर में देहरादून में ड्रोन के जरिये डायग्नॉस्टिक नमूने और दवाओं की डिलिवरी शुरू की। SRL डायग्नॉस्टिक्स (अब एजिलस डायग्नॉस्टिक्स) ने अप्रैल 2022 में नमूने जुटाने और उन्हें गुरुग्राम और मुंबई की लैबोरेटरी ले जाने के लिए स्काई एयर के साथ काम करना शुरू कर दिया।