नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। मध्य प्रदेश की सरकार ने कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग को मर्ज करने की मंजूरी दी गई। नए विभाग का नाम लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग होगा। मेडिकल कॉलेज रूटीन चिकित्सा सेवाएं देने के बजाय अति गंभीर, विशिष्ट उपचार, चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे। इससे शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर की प्रभावी निगरानी हो सकेगी। मेडिकल कॉलेजों से जिला चिकित्सालयों को संबद्ध करना आसान हो जाएगा।
आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन
कैबिनेट ने मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम, 2011 के प्रावधानों में संशोधन की स्वीकृति दी है। वर्तमान में आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय चिकित्सा, दंत चिकित्सा, नर्सिंग, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी आदि में पाठ्यक्रम संचालित करता है। नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थाओं और छात्र-छात्राओं की संख्या में वृद्धि को देखते हुए आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय को नर्सिंग एवं पैरामेडिकल को छोड़कर अन्य विषयों के पाठ्यक्रम संचालित करने का दायित्व दिया जायेगा। नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विषयो से संबंधित पाठ्यक्रम का संचालन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित अन्य विश्व विद्यालयों के माध्यम से किया जायेगा।