अपने बनाए वायरस से स्टेज 3 ब्रेस्ट कैंसर को हराया
नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। एक महिला वैज्ञानिक ने लैब में बनाए अपने ही वायरस का उपयोग करके अपने ब्रेस्ट कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज किया है। 49 वर्षीय वायरोलॉजिस्ट बीटा हैलासी को 2020 में ब्रेस्ट कैंसर हुआ था। तब उसने अपना इलाज खुद ही करने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने लैब में बनाए वायरस का इंजेक्शन लगाकर अपने स्तन कैंसर को ठीक कर लिया।
कीमो के बदले चुना OVT
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वह क्रोएशिया में हैलासी जाग्रेब यूनिवर्सिटी में वायरोलॉजिस्ट हैं। नेचर जर्नल के अनुसार हैलासी को पहले भी मास्टेक्टोमी (एक या दोनों स्तन के पूरे या आंशिक भाग को हटाने की शल्य प्रक्रिया) की जगह पर कैंसर था जिसमें उनके बाएं स्तन को हटा दिया गया था। लेकिन 2020 में उन्हें फिर से वहीं कैंसर हो गया था। स्टेज थ्री ब्रेस्ट कैंसर होने के बाद हैलासी ने इस बार अपना इलाज खुद ही करने का फैसला लिया। उन्होंने कीमो की जगह ऑन्कोलिटिक वायरस थेरेपी (OVT) की मदद से अपना इलाज किया और वह सफल भी रहीं।
OVT से इम्यून सिस्टम को भी मजबूती
ऑन्कोलिटिक वायरस थेरेपी एक ऐसा वायरस है जो कैंसर कोशिकाओं को खत्म करता है। जब संक्रमित कैंसर सेल्स नष्ट हो जाती है तो बचे हुए ट्यूमर को खत्म करने में मदद के लिए नए संक्रामक वायरस कण या वायरियन जारी करते हैं। OVT कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है। OVT के ज्यादातर क्लिनिकल ट्रायल अंतिम चरण के कैंसर रोगियों पर किए गए हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से यह ट्रायल शुरुआती चरण के कैंसर रोगियों पर भी किया जा रहे हैं।