नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। दिल्ली समेत कई शहरों में वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है। उसने राज्य सरकारों से तेजी से कदम उठाने की अपील की है ताकि इसके गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों से बचा जा सके। इसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने जारी किया है।
निगरानी प्रणाली में भागीदारी बढ़े
मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक पत्र में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के चलते हाल के वर्षों में कई गंभीर समस्यायों को जन्म दिया है। सर्दियों में देश में वायु गुणवत्ता सूचकांक अक्सर खराब से लेकर गंभीर स्तर तक पहुंचता है जिससे यह सांस, हृदय और दिमाग को प्रभावित करने वाले पुरानी बीमारियों का कारण बन सकता है। पत्र में राज्यों से जन जागरूकता अभियान तेज करने, स्वास्थ्य कर्मचारियों की क्षमता को मजबूत करने और वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के लिए निगरानी प्रणाली में भागीदारी बढ़ाने की अपील की गई है।
हेल्थ सिस्टम को मजबूत रखें
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायु प्रदूषण के प्रभावों से निपटने के लिए जिला और शहर-स्तरीय कार्य योजनाएं बनाने की सिफारिश की है। मंत्रालय ने NPCCHH के तहत वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों की निगरानी के लिए अस्पतालों का नेटवर्क बढ़ाने की बात भी कही हैं। मंत्रालय ने इस मुद्दे को लेकर मौजूदा स्वास्थ्य सिस्टम को मजबूत करने और कमजोर समूहों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठाने की सिफारिश की है। इस समस्या से बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग वायु प्रदूषण के प्रभाव से विशेष रूप से प्रभावित होते हैं।