नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) और शिक्षा मंत्रालय के साथ त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत BHU के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (IMS) को अधिक वित्तपोषण और तकनीकी सहायता दी जाएगी। इस समझौता से लोगों को किफायती अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में वृद्धि होगी। इससे रोगी भी संतुष्ट होंगे और खर्च में भी कमी आयेगी।
शिक्षण में आयेगी उत्कृष्टता : नड्डा
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि समझौता एम्स, नई दिल्ली और IMS, BHU के बीच घनिष्ठ साझेदारी स्थापित करेगा जिससे उच्च शिक्षण मानक और शोध परिणामों में उत्कृष्टता आएगी। उन्होंने बेहतर परिणामों के लिए IMS, BHU और एम्स के बीच नियमित छात्र और संकाय आदान-प्रदान का भी प्रस्ताव रखा। शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि इससे एम्स और IMS के बीच शैक्षणिक और शोध सहयोग को साझा करने का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे IMS को विश्व स्तरीय संस्थान के रूप में स्थापित हो सकेगा।
दो मंत्रालयों का सहयोग दुर्लभ
स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव श्रीमती पुण्य श्रीवास्तव ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन दोनों संस्थानों के बीच अनुभव, तकनीकी सहायता और शैक्षणिक सहयोग को साझा करने का प्रावधान करता है। यह केंद्र सरकार के संपूर्ण सरकार और संपूर्ण समाज दृष्टिकोण के अनुरूप है। BHU के कुलपति प्रो. सुधीर के. जैन ने कहा कि किसी संस्थान को दो मंत्रालयों से सहायता मिलना दुर्लभ है। विश्वविद्यालय अपने शिक्षण मानकों, शोध परिणामों को बढ़ाने का काम जारी रखेगा और आश्वासन दिया कि समझौता ज्ञापन को अक्षरशः लागू किया जाएगा।