नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। Mpox के प्रसार को देखते हुए भारत सरकार सतर्कता बरत रही है। इसे पहचान कर निपटने की तैयारी के क्रम में पहली स्वदेशी RT-PCR किट भी विकसित कर लिया है। यह काम आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन ने ट्रांसएशिया डायग्नोस्टिक्स के साथ साझेदारी में किया है। इससे मंकीपॉक्स वायरस की जांच में आसानी होगी।
ICMR से मिली मान्यता
रिपोर्ट के अनुसार इसे ब्रांड नेम एर्बाएमडीएक्स मंकीपॉक्स आरटी-पीसीआर किट के तहत लॉन्च किया गया है। मेडटेक अधिकारियों ने कहा है कि यह सफलता देश के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य और महामारी संबंधी तैयारियों के प्रयासों में एक बड़ी प्रगति का प्रतीक है। किट को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से भी कई परीक्षणों के बाद मान्यता मिल गई है। इसने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से आपातकालीन प्राधिकरण प्राप्त किया है। किट की कीमत बाद में तय की जाएगी।
किट की शेल्फ लाइफ 12 महीने की
जानकारी के मुताबिक इसे सबसे दूरस्थ क्षेत्रों में भी पहुंचाया जा सकता है। मेडटेक के अनुसार किट 12 महीने की शेल्फ लाइफ और अन्य ऑर्थाेपॉक्सवायरस के साथ शून्य क्रॉस-रिएक्टिविटी का दावा करती है। नए घातक स्ट्रेन क्लेड-1 के कारण कांगो, मध्य और पूर्वी अफ्रीका, फिलीपींस, स्वीडन और पाकिस्तान में एमपॉक्स के मामले बढ़ गए हैं। यह रोग फ्लू जैसे लक्षणों का कारण बनता है और जटिलताएं पैदा कर सकता है। WHO की ओर से Mpox को सार्वजनिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया जा चुका है।