नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। ब्रेन डेड हुई 32 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर नैंसी शर्मा की वजह से 9 लोगों को नई जिंदगी मिली। नैंसी के हार्ट, किडनी, आंख और लीवर का दान उसके पिता की सहमति से हुआ। घटना अप्रैल महीने की है जो अब सामने आया है।
ब्रेन डेड के बाद भी बाकी अंग जीवित थे
नैंसी के भाई डॉ. सौरभ शर्मा ने बताया कि 12 मार्च को उनकी बहन अम्बाला अपने पिता से मिलने गई थी। वहां कुछ तकलीफ हुई। इस पर उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि नैंसी का ब्रेन डेड हो गया है। इसके बाद नैंसी को पीजीआई, चंडीगढ़ ले जाया गया। कई दिन इलाज चला। डॉक्टरों ने कहा कि नैंसी की बचने की उम्मीद नहीं है, हालांकि ब्रेन डेड के बावजूद बाकी अंग काम कर रहे थे। अंगदान का सुझाव डॉक्टरों ने ही परिजनों को दिया था।
ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंग भेजे गये
नैंसी के पति अनुदीप शर्मा भी गुड़गांव में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। सात साल का बेटा है। नैंसी का हार्ट 13 साल की बच्ची को प्रत्यारोपित किया गया। किडनी भी दो लोगों को दी गई। लीवर के चार पार्ट भी चार लोगों को डोनेट किए गए। आंखों से दो लोगों को रोशनी मिली। मोहाली एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इन अंगों को हवाई जहाज से नोएडा, दिल्ली और चंडीगढ़ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाकर ट्रांसप्लांट कराया गया।