स्वस्थ भारत मीडिया
कोविड-19 / COVID-19 समाचार / News

कोरोना से बचाव की संजीवनी कहीं मिल तो नहीं गई!

कोरोना से बचने के लिए देश-दुनिया एक नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। इसे प्लाज्मा थिरेपी कहा जा रहा है। गायत्री सक्सेना लेकर आई हैं पूरी रिपोर्ट

नई दिल्ली/ एसबीएम
आप यही सोच रहें होंगें यह प्लाज्मा क्या है? यह प्लाज्मा मनुष्य के शरीर में ही होता है। मनुष्य के रक्त में पहली लाल रक्त कोशिका, दूसरी श्वेत रक्त कोशिका, तीसरी प्लेट्लैटस और चौथी प्लाज्मा होता है। जो रक्त में एक तरल हिस्सा  ( लिक्विड)  होता है। शरीर में किसी प्रकार वायरस आने पर प्लाज्मा उससे लड़ कर एंटीबॉडी बनाने में सहायक होता है। इसी लिए कोरोना से लड़ने में प्लाज्मा कारगर सिद्ध हो रहा है।
जहाँ पूरा भारत कोरोना के इलाज में लगा हुआ वही दूसरी ओर दिल्ली सरकार भी इस के लिए सार्थक प्रयास कर रही थी। पिछले 24 अप्रैल को  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस  कांफ्रेंस के माध्यम से बताया कि  प्लाज्मा के निरीक्षण करने के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार  से अनुमति मांगी थी जिसका दायित्व  दक्षिण दिल्ली के अस्पताल आईएलबीएस को दिया गया। केंद्र सरकार ने  कोरोना के गंभीर रोगियों पर  प्लाज्मा थैरेपी का प्रयोग करने की अनुमति दी है।
इस थिरैपी का असर भी दिखने लगा है। प्लाज्मा थैरेपी  प्रयोग जब  एक कोरोना संक्रमित मरीज पर किया गया तो उसे बहुत राहत मिली।  वेंटिलेटर और आईसीयू से निकाल कर उसे साधारण कमरे में शिफ्ट किया गया। खबरो में बताया गया है कि वह मरीज अब कोरोना निगेटिव हो चुका है।

कोरोना संक्रमण से लड़ने में सहायक होंगे ये उत्पाद

दिल्ली सरकार ने बताया कि चार मरीजों पर यह ट्रायल किया गया  जिसका परिणाम में सफलता मिली है। अब  इन  लोगों की रिपोर्ट  कोरोना निगेटिव  भी पाई गयी है।
आईएलबीएस अस्पताल के निदेशक  डॉ.  एस के सरीन इस  पूरी प्रक्रिया को निगरानी कर रहे है। इस बावत डॉ एस. के. सरीन का कहना है कि अभी केन्द्र सरकार ने प्लाज्मा के निरीक्षण  के लिए सीमित अनुमति दी है। इसके बाद  2- 3 और ट्रायल करने के लिए अगले सप्ताह केन्द्र सरकार से अनुमति मांगी जाऐगी। जिसमें यदि हम 10 लोगों पर प्लाज्मा थैरेपी में सफल हो जाऐ तो हम कोरोना पर  लीड ले सकते है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा  है कि इस प्लाज्मा थैरेपी को कोरोना का पूरा निदान या दवाई न माना जाऐ। हाँ, इसे कोरोना से लड़ने की एक उम्मीद माना  जा सकता है।
दानदाताओं की जरूरत
कल तक जिन्हें हम कोरोना पॉजिटिव कह रहे थे आज वहीं कोरोना से लड़ने में कोरोना योद्धा बन रहे हैं। कोरोना से ठीक हुए मरीजों ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया है। इसी तरह उम्मीद की जा रही है कि और भी ठीक हुए मरीज अपना प्लाज्मा डोनेट करेंगे। इससे कोरोना की लड़ाई को ताकत मिलेगी। स्वस्थ भारत मीडिया सभी से अपील करता है कि आप अपना प्लाज्मा जरूर डोनेट करें।

Related posts

जनऔषधि केन्द्र खोलने पर ढाई लाख रुपये का इंसेंटिव

‘सामाजिक आपातकाल’ के दौर में देश: प्रधानमंत्री

Ashutosh Kumar Singh

भारतीय मसालों की गुणवत्ता जांचेगी भारत सरकार

admin

Leave a Comment