नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। सबको सस्ती और सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार देश में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP) लागू कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही।
2016 में हुआ था सर्वे
मालूम हो कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-2016 के अनुसार 13-17 वर्ष के आयु वर्ग में मानसिक विकारों की व्यापकता 7.3 फीसद थी। सबसे आम प्रचलित समस्याएं अवसादग्रस्तता प्रकरण और आवर्तक अवसादग्रस्तता विकार (2.6 फीसद), अगोराफोबिया (2.3 फीसद), बौद्धिक अक्षमता (1.7 फीसद), आत्मकेंद्रित स्पेक्ट्रम विकार (1.6 फीसद), फ़ोबिक चिंता विकार (1.3 फीसद) और मानसिक विकार (1.3 फीसद) थीं।
704 जिलों में DMHP मंजूर
उन्होंने बताया कि NMHP के जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (DMHP) को 704 जिलों में कार्यान्वयन के लिए स्वीकृत किया गया है जिसके लिए राज्यों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) स्तरों पर डीएमएचपी के तहत उपलब्ध कराई गई सुविधाओं में आउट पेशेंट सेवाएं, मूल्यांकन, परामर्श, गंभीर मानसिक विकार वाले व्यक्तियों की निरंतर देखभाल और सहायता, दवाएं, एम्बुलेंस सेवाएं आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर 10 बिस्तरों वाली इन-पेशेंट सुविधा का प्रावधान है।