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मोहाली में खुला राष्ट्रीय जीनोम संपादन एवं प्रशिक्षण केंद्र

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय कृषि-खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (NABI) मोहाली, पंजाब में राष्ट्रीय जीनोम संपादन एवं प्रशिक्षण केंद्र (NGETC) का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने खाद्य और पोषण सुरक्षा पर 4 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईएफएएनएस) का भी उद्घाटन किया।

केंद्र में अत्याधुनिक सुविधा

राष्ट्रीय जीनोम संपादन एवं प्रशिक्षण केंद्र (NGETC) में एक ही परिसर वाली अत्याधुनिक सुविधा है, जो क्षेत्रीय जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय मंच के रूप में काम करेगी। यह युवा शोधकर्ताओं को फसलों में इसकी जानकारी और अनुप्रयोग के बारे में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करके उन्हें सशक्त भी बनाएगा। जीनोम सम्पादन एक ऐसी आशाजनक तकनीक हो सकती है जिसे भारतीय अनुसंधान फसलों में वांछित पूर्व निर्धारित लक्षणों की प्रस्तुति करने के लिए अपनाया जा सकता है।

80 हजार से अधिक स्टार्टअप्स

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कृषि-प्रौद्योगिकी (एग्री-टेक) स्टार्टअप्स की भारत में विशेष क्षमता है और इस अवधारणा को सफल बनाने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। स्टार्टअप्स आंदोलन ने भारत में गति पकड़ी है और अभी तक 80,000 से अधिक स्टार्टअप्स का निर्माण किया गया है, जिनकी संख्या 2014 से पहले लगभग 350 ही थी।

पोषण सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा

खाद्य और पोषण सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (IFANS) का आयोजन राष्ट्रीय कृषि खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (NABI), सेंटर फॉर इनोवेटिव एंड एप्लाइड बायोप्रोसेसिंग (CIAB), राष्ट्रीय पादप जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (NIPB) और मोहाली स्थित NABI के अंतर्राष्ट्रीय जेनेटिक इंजीनियरिंग और जैव प्रौद्योगिकी केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इस 4 दिवसीय सम्मेलन में यह मंथन किया जाएगा कि कैसे जीनोम एडिटिंग देश में बदलती जलवायु के अंतर्गत देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा को बढ़ा सकती है। इस दौरान 80 वक्ता (40 अंतर्राष्ट्रीय और 40 स्वदेशी) अपने वैज्ञानिक ज्ञान को भी साझा करेंगे।

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