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विज्ञान और तकनीक / Sci and Tech

सैन्य उपकरणों को दुश्मन के रडार से बचाने की नयी तकनीक

नयी दिल्ली। रक्षा तथा नागरिक क्षेत्रों में रडार का उपयोग विमानों, जलयानों, वाहनों तथा गुप्त प्रतिष्ठानों की निगरानी, खोजबीन, नेविगेशन और ट्रैकिंग के लिए किया जाता है। सैन्य उपकरणों का रडार की नजरों से अदृश्य बने रहना महत्वपूर्ण रक्षा रणनीति है। कोई सैन्य उपकरण रडार की नजरों से छिपे रहने में जितना अधिक सक्षम होता है, दुश्मन के हथियारों द्वारा उसको निशाना बनाये जाने की आशंका उतनी ही कम होती है।

कृत्रिम संरचना बचायेगी रडार से

IIT मंडी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी कृत्रिम संरचना तैयार की है जो स्टेल्थ वाहनों और गुप्त प्रतिष्ठानों को रडार की नजरों से अदृश्य बनाए रखने में सहायक है। चाहे किसी भी दिशा से रडार संकेत लक्ष्य को हिट करे, यह सामग्री रडार संकेतों को अवशोषित कर सकती है। इसका उपयोग स्टेल्थ वाहनों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की खिड़कियों या काँच के पैनलों को कवर करने के लिए भी किया जा सकता है, जिनका रडार की नजरों से अदृश्य बने रहना आवश्यक है।

वाणिज्यिक क्षेत्र को भी मिलेगी सुरक्षा

ऐसी तकनीक जो चीजों को रडार की नजरों से अदृश्य बना देती है, का उपयोग वाणिज्यिक क्षेत्र में इमारतों से विकिरण रिसाव को कम करने और उन्हें अधिक सुरक्षित बनाने के लिए भी किया जा सकता है। रडार की नजरों से अदृश्य बने रहने की यह तकनीक संवेदनशील निजी या गुप्त प्रतिष्ठानों में भी उपयोगी हो सकती है। रडार से छिपे रहने की क्षमता से लैस स्टेल्थ तकनीक में रडार क्रॉस सेक्शन (RCS) को कम करना एक प्रमुख चुनौती है। इसके लिए उपयोग होने वाली बुनियादी तकनीकों में ऑब्जेक्ट को उचित आकार देना और रडार अवशोषक सामग्री (RAMs) का उपयोग किया जाता है। RCS कटौती ऐसी सामग्री का उपयोग करके प्राप्त की जाती है, जो रडार सिग्नल को अवशोषित कर सकती है। ऑब्जेक्ट्स को विशिष्ट आकार देकर भी आरसीएस कम की जाती है, जिससे रडार के लिए उसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

FSS आधारित तकनीक

शोधकर्ता डॉ. जी. श्रीकांत रेड्डी बताते हैं कि हमने फ्रीक्वेंसी सेलेक्टिव सरफेस (FSS) आधारित तकनीक विकसित की है, जो रडार में उपयोग की जाने वाली आवृत्तियों की विस्तृत श्रृंखला को अवशोषित कर सकती है, जिससे ऑब्जेक्ट की सतह रडार के लिए अदृश्य हो जाती है। परीक्षणों से पता चला कि यह एफएसएस तकनीक 90ः से अधिक रडार तरंगों को आवृत्तियों की एक विस्तृत श्रृंखला में अवशोषित कर सकती है।

इंडिया साइंस वायर से साभार

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