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NHA ने भारतीय गुणवत्ता परिषद के साथ हाथ मिलाया

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने HMIS (स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली) व LMIS (प्रयोगशाला सूचना प्रबंधन प्रणाली) समाधानों को मान्यता और रेटिंग के लिए भारतीय गुणवत्ता परिषण (QCI) को छह महीने के लिए नियुक्त किया है। QCI का घटक बोर्ड स्वास्थ्य क्षेत्र में अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NABH) राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने के लिए जिम्मेदार है।

नवाचार को मिलेगा प्रोत्साहन

NABH उपयोग में आसानी व विभिन्न मानदंडों पर ABDM अनुपालन समाधान को मान्यता और रेटिंग देने की जिम्मेदारी निभाएगा, जिससे संभावित खरीददार को विश्वसनीय जानकारी मिल सकेगी। इस पहल को लेकर NHA के CEO डॉ. आर एस शर्मा ने कहा-ABDM के साथ मुख्य रूप से हमारा लक्ष्य स्वास्थ्य तकनीक सेवाओं के वितरण को सुव्यवस्थित करके नवाचारों को प्रोत्साहन देना है। हम एक ऐसा ढांचा विकसित करने की योजना बना रहे हैं जिससे सुनिश्चित हो सके कि सभी ABDM के अनुरूप डिजिटल समाधान मान्यता प्राप्त हों और उनका मूल्यांकन किया गया हो। साथ ही एक समाधान की तुलना में दूसरा समाधान चुनने के लिए उपभोक्ताओं को पर्याप्त जानकारियां उपलब्ध हों। इसके लिए हम एक समीक्षा योजना विकसित करने और कम से कम 10 HMIS समाधान की मान्यता और समीक्षा पूरी करने के लिए क्यूसीआई के साथ साझेदारी कर रहे हैं। इन्हें अगले छह महीनों में ABDM के साथ सफलतापूर्वक जोड़ना है।

स्वास्थ्य तकनीक के क्षेत्र में बड़ी छलांग

QCI के चेयरमैन आदिल जैनुलभाई ने कहा-एनएचए अपनी डिजिटल स्वास्थ्य पहल के माध्यम से भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य तक पहुंच को बढ़ा रहा है, वह शानदार है। अस्पतालों, प्रयोगशालाओं और क्लीनिकों के प्रबंधन के लिए ABDM के तहत सॉफ्टवेयर समाधानों की मान्यता के लिए यह कार्यक्रम भारत में स्वास्थ्य तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग है। मुझे इस बात की खुशी है कि QCI और NABH इस कार्यक्रम को आकार देने के लिए एनएचए के साथ हाथ मिलाएंगे। मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य तकनीक समाधानों से स्वास्थ्य संगठनों को ABDM मानकों के अनुरूप अपने मरीजों और व्यवसाय का ज्यादा व्यवस्थित तरीके से प्रबंधन करने में सहायता मिलेगी। कुल मिलाकर, इस पहल से भारत से नागरिकों को बेहतर और ज्यादा समयबद्ध स्वास्थ्य देखभाल हासिल करने में सहायता मिलेगी। इससे भारत दुनिया में स्वास्थ्य देखभाल के डिजिटलीकरण में लीडर्स में से एक के रूप में सामने आएगा।

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