स्वस्थ भारत मीडिया
नीचे की कहानी / BOTTOM STORY

3 ब्लड ग्रुप वालों को कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा

पल्लवी कुमारी

नयी दिल्ली। कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट से डर के माहौल के बीच एक स्टडी आई है, जिसके तहत कुछ खास ब्लड ग्रुप वाले लोगों में कोरोना का खतरा ज्यादा बताया जा रहा है। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल ने यह स्टडी की है। इसकी मानें तो A, B और RH पॉजिटिव लोगों में कोरोना होने का खतरा ज्यादा है। दूसरी तरफं AB, O और RH Negative वाले लोगों में कोरोना का खतरा कम है।

क्या कहती है स्टडीे

इस स्टडी में 2,586 कोविड पॉजिटिव रोगियों को शामिल किया था जिन्हें 8 अप्रैल 2020 से 4 अक्टूबर 2020 के बीच अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद A, B, O और RH ब्लड ग्रुप को कोविड -19 के संवेदनशीलता के साथ जोड़ कर देखा गया। शोध पत्र Frontiers in Cellular and Infection Microbiology में छपा है जिसके अनुसार अलग-अलग ब्लड ग्रुप में कोरोना होने की फ्रीक्वेंसी बताई गई है। जैसे कि A ब्लड ग्रुप की फ्रीक्वेंसी 29.93 फीसद, B ब्लड ग्रुप की फ्रीक्वेंसी 41.8 फीसद, O ब्लड ग्रुप की फ्रीक्वेंसी 21.19 फीसद, AB ब्लड ग्रुप की फ्रीक्वेंसी 7.89 फीसद थी। यह रिसर्च अस्पताल के अनुसंधान विभाग ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के द्वारा किया था।

बात RH Factor की

इसमें विशेष तौर पर RH Factor की बात भी की गई है। दरअसल RH Factor एक प्रोटिन है जो रेड ब्लड सेल्स की कोशिकाओं की सतह पर हो सकता है। ये जिन लोगों के खून में पाया जाता है उनके खून को RH Positive कहते हैं और जिन लोगों के खून में नहीं पाया जाता है उन्हें RH Negative) कहते हैं। इस तरह ये भी बताता है कि किन लोगों को कोविड-19 का खतरा ज्यादा और किन लोगों में कम।

पुरुषों में ज्यादा खतरा

शोध में ये भी देखा गया कि बी ब्लड ग्रप वाले पुरुष रोगियों में महिला रोगियों की तुलना कोविड-19 का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा AB ब्लड ग्रप वाले 60 वर्ष के आयु वर्ग के रोगियों में भी संक्रमण का खतरा ज्यादा है। हालांकि, रिसर्च का ये भी कहना है कि उन्हें किसी खास ब्लड ग्रुप, बीमारी की गंभीरता और मृत्यु दर के प्रति इनकी संवेदनशीलता के बीच कोई संबंध नहीं मिला है। बस ये पाया गया है कि A ब्लड ग्रुप और RH Plus ब्लड ग्रुप वाले लोगों को कोरोना जल्दी हो सकता है और उन्हें इससे रिकवरी में बाकी लोगों की तुलना ज्यादा समय लग सकता है। साथ ही अध्ययन में यह भी बताया गया है कि ब्लड ग्रुप और कोविड-19 (SARS-CoV-2) के बीच संबंध का पता लगाने के लिए बड़े, बहुकेंद्रीय और संभावित अध्ययन की जरूरत है।

Related posts

गीत-संगीत में डूबी रही स्वास्थ्य संसद की एक शाम

admin

30 साल पहले फ्रीज किए गए भ्रूण से पैदा हुए जुड़वां बच्चे

admin

कोरोना से भयभीत न हों भयावहता को समझें

Ashutosh Kumar Singh

Leave a Comment