नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। दिल्ली, बिहार समेत कई राज्य बढ़ते प्रदूषण और मौसम की मार से बेहाल है। पाकिस्तान के लाहौर तक इससे परेशान है। वहां दो दिन पहले AQI 2000 के पार था। दिल्ली में हवा की गति व दिशा बदलने से वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी का हो गया है। गुरुवार को सीजन में पहली बार वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 424 दर्ज किया गया यानी बीते कल से भी ज्यादा। इससे हवा और दमघोंटू हो गई है। बिहार के हाजीपुर, सीवान समेत 8 जिलों की ऐसी ही हालत है।
लागू हुआ GRAP-3
इस हालत के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने सभी प्राथमिक विद्यालयों को अगले आदेश तक ऑनलाइन मोड में चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर काबू पाने की दिशा में CAQM ने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-3) लागू करने की घोषणा कर दी है। राजधानी समेत पूरे एनसीआर में 15 नवंबर से इसे लागू किया जाएगा। अब दिल्ली में डीजल वाहनों को नहीं चलाया जा सकेगा। निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक लागू हो जाएगी। गैर इलेक्ट्रिक और गैर सीएनजी डीजल वाहनों के दिल्ली में लाने पर प्रतिबंध लग जाएगा।
लोगों में बढ़ी सांस की तकलीफ
एक्सपर्ट बताते हैं कि बढ़ते प्रदूषण से सांस से संबंधित समस्याओं का जोखिम तो बढ़ता ही है, साथ ही ये हृदय रोग, फेफड़ों में संक्रमण सहित कई अन्य प्रकार की समस्याओं को भी बढ़ाने वाली हो सकती है। प्रदूषण के कारण प्रारंभिक स्थिति में आंखों में जलन, लालिमा और खुजली होने की समस्या सबसे ज्यादा देखी जाती रही है क्योंकि सांस के माध्यम से ये शरीर में पहुंचकर कई प्रकार की बीमारियों को बढ़ाते हैं। लगभग सभी अस्पतालों में सांस से जुड़ी तकलीफों को लेकर मरीज आ रहे हैं।