नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी हिंदी माध्यम से मेडिकल की पढ़ाई की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। एमपी में तो कुछ डॉक्टर हिंदी में रोगी का पर्चा भी लिखने लगे हैं। खास बात यह कि RX की जगह श्री हरि से पर्चा शुरू करने लगे हैं।
पहले किताब लिखाने की तैयारी
आ रही खबर के मुताबिक हिंदी में मेडिकल की किताबों को तैयार करने की जिम्मेदारी अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों को दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने की मंशा जाहिर की है। पुस्तकें तैयार हो जाने के बाद इस व्यवस्था को लागू किया जायेगा।
एमपी से मिल जायेगा सहयोग
यूपी में यह काम आसान है। वजह यह कि यहां विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के प्रोफेसर पहले से ही हिंदी में किताबें लिख चुके हैं। ऐसे लेखकों का पैनल बनाने की भी तैयारी चल रही है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में मेडिकल पुस्तक लिखने वालों का सहयोग भी मिलेगा। इस पैटर्न को लागू कर दिया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता किसी भी कीमत पर कम नहीं होने दी जाएगी। नए सिरे से पाठ्यक्रम का पैटर्न निर्धारित किया जाएगा।