महिमा सिंह
नयी दिल्ली। बैंगलोर स्थित ट्रस्ट ‘द आर्ट सैंक्चुरी’ ने यहां गत माह शारीरिक और मानसिक दिव्यांगों की कलाकृतियों की प्रदर्षनी लगायी और उनके बनाये आर्ट वर्क, पेंटिंग, फोटो और कला को सुधिजनों के सामने रखा गया। यह इस ट्रस्ट का चौथा वार्षिक आयोजन था। दिल्ली के छतरपुर में स्थित Stir गैलरी में इसका आयोजन हुआ था।
सराही गयी दिव्यांगों की कला
दिव्यांग युवाओं के सशक्तिकरण के लिए समर्पित इस ट्रस्ट के आयोजन eCAPA 2022 में मामूली मार्गदर्शन से तैयार कुछ अविश्वसनीय पेंटिंग और आर्ट वर्क सामने आया। प्रदर्शनी में 47 न्यूरोडाइवर्स कलाकारों को उनकी 85 कलाओं के माध्यम से पेश किया गया। इस कार्यक्रम में बड़े मीडिया समूह के पत्रकार, फोटोग्राफर और कलाकारों ने इन बच्चों को वर्क शॉप में फोटोग्राफी के गुण सिखाए और फाइन आर्ट की तस्वीरों को देखा। उन्हें कला के अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बारीकियों पर कुछ ज्ञान भी साझा किया। यहाँ पर डाउन सिंड्रोम, ऑटिज़म और एडीएचडी, लर्निंग डिसएबेलिटी और अन्य डिसॉर्डर से ग्रस्त युवा कलाकारों ने अपनी कल्पना और कला का प्रदर्शन किया था। कला कृतियों का चयन प्रख्यात कलाकार बोस कृष्णमाचारी द्वारा किया गया था। इस ट्रस्ट के तीन प्रमुख संस्थापक सदस्य हैं-आलोक श्रीवास्तव, डॉ शालिनी गुप्ता और अन्य सदस्य भी है।
पिछले साल बिकीं कलाकृतियां
संस्थान के पिछले कार्यक्रम में 150 फाइन आर्ट और पेंटिंग पिक्चर को शामिल किया गया था जो बौद्धिक रूप से विकलांग युवा वयस्कों ने बनाया था। इस शो उनकी कलाकृतियां बिकीं तो उनका उत्साहवर्धन भी हुआ। क्यूरेटिंग वर्कशॉप और कला प्रदर्शनियां जैसे कार्य विकलांग व्यक्तियों के कलात्मक कौशल को उन्नत करने के कुछ महत्वपूर्ण तरीके हैं। इन कार्यशालाओं और कला प्रदर्शनियों का आयोजन कला सैंक्चुरी द्वारा दृश्य और प्रदर्शन कला, दोनों के लिए किया जाता है।