नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। रहस्यमयी बीमारी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) ने रांची में भी दस्तक दे दी है। इससे ग्रसित साढ़े पांच साल की बच्ची को निजी अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। उधर पुणे में इस बीमारी से एक और संक्रमित की मौत हो गयी है।
WHO को भी भेजी गयी जानकारी
झारखंड की राजधानी रांची से मिली रिपोर्ट के मुताबिक GBS से ग्रसित बच्ची का इलाज कर रहे डॉ. राजेश ने कहा कि आठ दिन पहले इस बच्ची को लाया गया था। तब उसकी हालत बेहद गंभीर थी। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। अब वह आंखें खोल रही है लेकिन रिकवर नहीं कर पा रही है। उनके अनुसार यह कोई रेयर बीमारी नहीं है बल्कि न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इम्यून सिस्टम अपनी ही बॉडी की नसों पर अटैक करता है। इससे मरीज को चलने-फिरने और सांस लेने में परेशानी होती है। WHO के लखनऊ में मौजूद एक प्रतिनिधि को भी सूचित कर दिया गया है।.
पुणे में एक और मरीज की मौत
उधर पुणे में इस बीमारी से 36 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गयी है। इसके साथ ही राज्य में GBS से मरने वालों की संख्या तीन हो गई है जबकि संदिग्ध मामलों की संख्या 130। कैब ड्राइवर के रूप में काम करने वाले इस मरीज को 21 जनवरी को पिंपरी चिंचवाड़ के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल (YCMH) में भर्ती कराया गया था। वहां के नगर निगम के मुताबिक अस्पताल में एक विशेषज्ञ समिति ने मामले में गंभीरता से जांच की है। समिति ने पाया कि मौत का कारण निमोनिया के कारण श्वसन तंत्र का कमजोर होना था। इस वजह से सांस लेने में गंभीर कठिनाई हुई। पिछले सप्ताह उसका तंत्रिका चालन परीक्षण (Nerve conduction test) किया गया था, जिसमें मरीज के जीबीएस संक्रमित होने का भी पता चला था।