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Research : भारतीय कोरोना वैक्सीन का हर्ट अटैक से कोई संबंध नहीं

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारत में उपयोग किए जाने वाले कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सिन का दिल के दौरे या अचानक मौत से कोई संबंध नहीं है। हाल ही में PLOS ONE जर्नल में प्रकाशित शोध ने इस सच को सामने लाया है। कोरोनाकाल के बाद वैक्सीन के दौर में हो रही मौतों पर इस तरह के सवाल उठने लगे थे।

एक साल के डेटा पर हुई स्टडी

स्टडी में अगस्त 2021 से अगस्त 2022 के बीच दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती 1,578 लोगों के डेटा का इस्तेमाल किया गया। कम से कम 1,086 (68.8 प्रतिशत) को कोरोना वैक्सीन लगायी गयी थी, जबकि 492 (31.2 प्रतिशत) को वैक्सीन नहीं लगी थी। वैक्सीन लगाने वाले समूह में से 1,047 (96 प्रतिशत) को दो खुराकें मिलीं, जबकि 39 (4 प्रतिशत) को केवल एक खुराक।

भारतीय वैक्सीन सुरक्षित साबित

इस स्टडी का नेतृत्व डॉ. मोहित गुप्ता ने किया था। उन्होंने कहा कि हमारे अध्ययन में पाया गया कि भारत में उपयोग किए जाने वाले वैक्सीन सुरक्षित हैं। भारत में टीकाकरण का दिल के दौरे से कोई संबंध नहीं था। वास्तव में अध्ययन में पाया गया कि टीका लगाए गए व्यक्तियों में दिल का दौरा पड़ने के बाद मृत्यु की संभावना कम थी। वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव (AE) ज्यादातर हल्के, क्षणिक और सीमित रहे। हालाँकि, इनके हृदय संबंधी प्रतिकूल प्रभावों के संबंध में चिंताएँ व्यक्त की गई थीं। स्टडी में कहा गया है कि निष्कर्षों से पता चला है कि 30 दिन और छह महीने में टीकाकरण न किए गए लोगों की तुलना में टीका लगाए गए लोगों में मृत्यु का जोखिम काफी कम था।

 

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