नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। होम्योपैथी के आविष्कारक डॉ. सैमुअल हैनीमैन की 270 वीं जयंती के उपलक्ष्य में दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आगामी 6 अप्रैल को आयोजित रन फॉर होम्योपैथी का मुख्य संदेश है—स्वस्थ्य रहना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम यदि बीमार पड़ गए तो उसका उपचार सरल और नि:शुल्क हो। दुनिया भर में होम्योपैथी को मानने और चाहने वाले लोगों ने विभिन्न संचार माध्यमों से रन फॉर होम्योपैथी के सफलता और इस चिकित्सा पद्धति के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपना संदेश भेजा है।
रन फॉर होम्योपैथी को सराहना
मुंबई से विश्व प्रसिद्ध होम्योपैथी चिकित्सक, अध्यापक डॉ. राजन शंकरन ने अपने संदेश में लिखा है कि होम्योपैथी की सार्थकता इसी में है कि यह देश और दुनिया के सभी वर्गों के स्वास्थ्य का वाहक बने। उन्होंने “रन फॉर होम्योपैथी” जैसे कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि इसका दायरा और बढ़ाया जाना चाहिए। मुंबई स्थित होम्योपैथिक स्वास्थ्य हीलिंग केंद्र के निदेशक तथा दुनिया भर में होम्योपैथी के प्रचारक शिक्षक डॉ. दिनेश चौहान ने “रन फॉर होम्योपैथी” को होम्योपैथी चिकित्सा के प्रचार एवं प्रसार का उत्कृष्ट माध्यम बताया और कहा कि ऐसे आयोजनों से लोगों में होम्योपैथी के प्रति आकर्षण और बढ़ता है। जाने माने होम्योपैथी चिकित्सक, लेखक, संपादक एवं जनस्वास्थ्य वैज्ञानिक डॉ.ए.के.अरुण ने रन फॉर होम्योपैथी की सराहना की और कहा कि यह अपने आप में एक अनोखा और सम्भवतः देश में अकेला आयोजन है जिसमें होम्योपैथी के प्रचार प्रसार के लिए होम्योपैथी चिकित्सकों के अलावा सेना, पैरा मिलिट्री, पीएसयू के कर्मचारी एवं अधिकारी, पेशेवर धावक एवं आम जनता भाग ले रहे हैं।
रन फॉर होम्योपैथी को बधाई संदेश भी
रन फॉर होम्योपैथी के संयोजक डॉ.आर कांत ने जानकारी दी है कि इसके अलावा इस आयोजन के लिए आयोजकों और सिम्पैथी इंस्टिट्यूट को देश भर से बधाई संदेश प्राप्त हुए हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष तथा जाने माने पूर्व क्रिकेटर श्री वेंकट सुंदरम ने अपने संदेश में कहा है कि उनका परिवार होम्योपैथी चिकित्सा का मुरीद है।उन्होंने इस चिकित्सा पद्धति के उत्तरोत्तर विकास की कामना की। “रन फॉर होम्योपैथी” के संयोजक डॉ. आर कांत ने बताया कि इस आयोजन के लिए दर्जनों शुभकामना संदेश प्राप्त हुए हैं। इनमें उत्तराखंड के डॉ. रजनीश शर्मा, भुवनेश्वर (उड़ीसा) से डॉ. ए.के. दास, अमरावती (महाराष्ट्र) से डॉ. संतोष चिंचोलकर, ऑर्बिट क्लिनिक, के डॉ. दीपक शर्मा आदि का संदेश प्रमुख है।