नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जड़ी-बूटियों से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान को बचाने के लिए उसके दस्तावेजीकरण और मानकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जड़ी-बूटियों का विशाल संग्रह है। ग्रामीण और आदिवासी लोग बीजा और धावड़ा जैसे पेड़ों के औषधीय महत्व के बारे में जानते हैं। राष्ट्रपति रायपुर में छत्तीसगढ़ के पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक स्वास्थ्य विज्ञान और आयुष विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में भाग लेने आयीं थी।
टाइफाइड की भारतीय वैक्सीन को मंजूरी
भारत की दवा कंपनी जाइडस की बनी टाइफाइड वैक्सीन को WHO ने मंजूरी दे दी है। इसका नाम जायवैक टीसीवी (ZyVac TCV) है जिसका निर्माण अहमदाबाद के जाइडस बायोटेक पार्क में किया जा रहा है। कंपनी ने एक नियामक फाइलिंग में कहा है कि यह दवा 6 महीने से 65 साल की आयु वर्ग के लोगों को दी जा सकती है। यह साल्मोनेला टाइफी संक्रमण के खिलाफ काम करता है। टाइफाइड बुखार साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोवर टाइफी (एस. टाइफी) नाम के बैक्टीरिया का संक्रमण लगने से होता है। हर साल सवा से डेढ़ लाख लोगों की मौत इस बीमारी के कारण होती है।