नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। आयुष मंत्रालय और CSIR-NIScPR ने आयुर्वेद @ 2047 पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया। मुख्य व्याख्यान देते हुए केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के अनुसंधान अधिकारी डॉ. अमित ने कहा, “आहार, जल, नींद, काम और मानसिक संतुलन स्वस्थ जीवन के प्रमुख कारक हैं। आयुर्वेद शरीर, इंद्रियों, मस्तिष्क और आत्मा का विज्ञान है। यह ज्ञान का एक विषय है, जिसका सीधा संबंध मानव स्वास्थ्य और कल्याण से है।”
वृद्धजनों के मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा
व्याख्यान का विषय ‘वृद्धजनों और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के साथ स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेद के मूल सिद्धांत‘ थी। CSIR-NIScPR की निदेशक प्रोफेसर रंजना अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति मानव स्वास्थ्य की समग्र अवधारणा में शरीर, मस्तिष्क और आत्मा के सामंजस्य की बात करती है और यह भारतीय पारंपरिक ज्ञान प्रणाली की प्रमुख विशेषता है। इसके अलावा उन्होंने CSIR-NIScPR के वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित सामाजिक पारंपरिक ज्ञान (स्वास्तिक) कार्यक्रम के हालिया योगदान का भी उल्लेख किया।
चिकित्सा शिविर का आयोजन
CSIR-NIScPR के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुमन रे ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। इस कार्यक्रम का संचालन अनिरुद्ध तिवारी ने किया। इस विशेष सत्र के बाद आयुष मंत्रालय ने एक निःशुल्क चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया। इसमें मंत्रालय के आयुर्वेद विशेषज्ञों ने सीएसआईआर- निस्पर से जुड़े कर्मचारियों को चिकित्सा परामर्श प्रदान की।