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Study : उत्तर भारतीयों की थाली में पोषण का अभाव

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। एक स्टडी बताती है कि उत्तर भारत में लोग बहुत ज्यादा नमक और फास्फोरस का सेवन करते हैं लेकिन वे प्रोटीन और पोटेशियम को अपने खान-पान में कम शामिल करते हैं। यह स्टडी चंडीगढ़ में जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया और पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) ने हाल ही की है। स्टडी में 400 लोगों को शामिल किया गया था।

स्टडी जर्नल में प्रकाशित

ये नतीजे फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। स्टडी के लिए जिन वयस्कों की निगरानी की गयी, उनमें स्वस्थ व्यक्ति के साथ शुरुआती स्टेज के क्रोनिक किडनी रोग (CKD) वाले लोग शामिल थे। स्टडी में यह समझने की कोशिश की गयी कि भारत में लोग गैर-संचारी रोगों (NCD) की रोकथाम और मैनेजमेंट के लिए किन पोषक तत्वों का सेवन करते हैं। BMC जर्नल में 2020 के एक अध्ययन से पता चला कि भारतीय आहार में पर्याप्त प्रोटीन, फल और सब्जियों की कमी है।

5 फीसद को ही पर्याप्त पोषणयुक्त भोजन

स्टडी में देखा गया कि भारत में लोग जरूरी कैलोरी की तुलना में कितनी कैलोरी खाते हैं। सबसे अमीर 5 फीसद को छोड़कर अधिकांश भारतीय कम कैलोरी लेते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त पोषक तत्वों वाला संतुलित आहार जरूरी है। विभिन्न पोषक तत्वों के अलग-अलग कार्य होते हैं। कार्ब्स ऊर्जा देते हैं, प्रोटीन मांसपेशियों का निर्माण और मरम्मत करते हैं और वसा पोषक तत्वों को अवशोषित करने और हार्मोन बनाने में मदद करते हैं। विटामिन और खनिज कोशिकाओं को स्वस्थ रखकर इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। फाइबर पाचन में मदद करता है और ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। विभिन्न प्रकार के पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाने से शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं। संतुलित आहार शरीर के विकास में सहायता करता है और बीमारियों के जोखिम को कम करता है।

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