विशेष रिपोर्ट
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स्वस्थ भारत (पंजी. न्यास) ने मनाया अपना नवां स्थापना दिवस
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देश भर से जुटे स्वास्थ्य कार्यकर्ता, चिकित्सक एवं पत्रकार
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तीन दिनों तक स्वास्थ्य संसद में होती रही जन स्वास्थ्य की चर्चा
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मिलेट्स अपनाने पर दिया गया जोर
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मिट्टी के स्वास्थ्य को ठीक करने की है जरूरत
कुमारगंज (अयोध्या) (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारत में स्वास्थ्य एडवोकेसी की दृष्टि से स्वास्थ्य संसद-2024, अयोध्या का सफल आयोजन एक मील का पत्थर साबित हुआ है। स्वस्थ भारत (पंजी. न्यास) के 9वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय स्वास्थ्य संसद ने स्वास्थ्य के मूल विषयों को जनमानस तक ले जाने में महति भूमिका निभाई है। ‘अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य एवं आहार परंपरा’विषय को मूल थीम एवं ‘स्वास्थ्य, सेवा, सहकार एवं समाधान के 9 वर्ष’ को सूक्त वाक्य के रूप में अंगीकार कर इस स्वास्थ्य संसद ने अपने प्राथमिक प्रारूप में ही जता दिया था कि भारत के स्वास्थ्य विषय को भारत में, भारत की दृष्टि से, देखने, समझने व रेखांकित करने हेतु यह महाआयोजन किया जा रहा है। इस बात को इससे भी बल मिला कि इस आयोजन को देश के प्रतिष्ठित कृषि विश्वविद्यालयों में से एक आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इस विश्वविद्यालय ने स्वास्थ्य संसद-2024 को अपने यहां न सिर्फ करने की सहमति दी बल्कि इस आयोजन का साझेदार भी बना। स्वस्थ भारत एवं कृषि विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित स्वास्थ्य संसद ने स्वास्थ्य के विविध आयामों पर जनता के बीच खुले मंच से संवाद करने का मौका दिया।
आहार परंपरा विषय पर विमर्श
अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य एवं आहार परंपरा विषय पर जहां पद्मश्री खादर वली, पूर्व राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ पत्रकार डॉ. आर. के. सिन्हा, आयुर्वेदाचार्य हितेश जानी, आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति व वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. बिजेन्द्र सिंह, अयोध्या के मेयर महंत गिरिशपति त्रिपाठी सहित तमाम विशेषज्ञों ने जो बातें कहीं, वह प्रत्येक भारतीय के लिए अनुकरणीय है। इस अवसर पर स्वस्थ भारत स्मारिका का विमोचन भी किया गया। 112 पृष्ठ की इस स्मारिका में पद्मश्री रामबहादुर राय, गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह, पद्मश्री खादर वली, पूर्व राज्यसभा सांसद आर. के. सिन्हा, युगवार्ता के संपादक संजीव कुमार, आरोग्य भारती के संगठन सचिव डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय, प्रो. गिरिश्वर मिश्र, स्वस्थ भारत के न्यासी धीप्रज्ञ द्विवेदी, वरिष्ठ स्तंभकार अमित त्यागी सहित तमाम विषय विशेषज्ञों के आलेख एवं स्वस्थ भारत अभियान के 12 वर्ष व स्वस्थ भारत (पंजी. न्यास) के 9 वर्षों के कार्यों का लेखा-जोखा प्रकाशित किया गया है।
बुजुर्गो की सेहत पर भी फोकस
उद्घाटन सत्र के बाद पहले तकनीकी सत्र ‘बुजुर्गो की सेहतः रोग, मनोविज्ञान व समाधान’ विषयक चर्चा में राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के संगठन सचिव गोलोक बिहारी राय, आध्यात्मिक गुरु प्रो. पवन सिन्हा, कैंसर एड सोसायटी के डीजी डॉ. ए. के. सिंह, वरिष्ठ होमियोपैथिक चिकित्सक व स्वस्थ भारत के मार्गदर्शक डॉ. पंकज अग्रवाल, नैपकेम के सचिव डॉ. पीयूष गुप्ता व डॉ. सलेहा अग्रवाल ने इस सत्र में बुजुर्गो से जुड़ी हुई तमाम उलझनों को सुलझाने का काम किया। इस सत्र का संचालन डॉ. सलेहा अग्रवाल ने किया।
दूसरे दिन भी केंद्र में स्वास्थ्य का मुद्दा
दूसरे दिन का पहला नीतिगत सत्र भी मूल विषय को समर्पित रहा। स्वास्थ्य संसद के उपसभापति व जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्यूनिकेशऩ के निदेशक प्रो. (डॉ.) उपेन्द्र अयोध्या, आरोग्य भारती के संगठन सचिव डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय, अंतरराष्ट्रीय विज्ञान लेखक संघ के अध्यक्ष व वरिष्ठ विज्ञान संचारक डॉ. मनोज पटेरिया, रामायण केन्द्र भोपाल के निदेशक डॉ. राजेश श्रीवास्तव, इंडियन कॉउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च के सीनियर फेलो व सेंटर फॉर बेटर डेवेलपमेंट, उत्तर प्रदेश की सचिव डॉ. अल्का सिंह ने इस विषय को आगे बढ़ाया। इस सत्र का संचालन डॉ. राजेश कुमार मांझी ने किया। इसके पूर्व स्वास्थ्य संसद में आए हुए सभी लोगों ने अपना परिचय एवं स्वास्थ्य संसद व स्वास्थ्य को लेकर अपना अनुभव परिचय सह संवाद सत्र में साझा किया। नीतिगत सत्र-2 का विषय‘अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका’रखा गया था। इस सत्र को वरिष्ठ व्यंगकार व कार्यक्रम प्रस्तोता डॉ. अल्का अग्रवाल सिग्तिया ने मॉडरेट किया। इस सत्र में IFTM विश्वविद्यालय, मुरादाबाद में पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार गौरव अवस्थी, युगवार्ता पत्रिका के संपादक संजीव कुमार, मेवाड़ विश्वविद्यालय, गाजियाबाद के निदेशक डॉ. शंशांक द्विवेदी, वरिष्ठ संचारक व लेखक शिवेश प्रताप सिंह, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ व राष्ट्रीय हृदय संस्थान के निदेशक (अंतरराष्ट्रीय संबंध) डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी एवं विधान परिषद्, उत्तरप्रदेश के सदस्य व एसआर विश्वविद्यालय के चेयरमैन पवन सिंह चौहान ने भाग लिया और स्वास्थ्य एवं मीडिया विषयक चर्चा में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।
खेती-किसानी की भी चिंता रही हावी
दूसरे दिन का तीसरा सत्र खेती-किसानी व स्वास्थ्य को समर्पित रहा। ‘स्वस्थ खेती : स्वस्थ आहार, पोषण का आधार’विषयक सत्र में कृषि विश्वविद्यालय के डीन डॉ. संजय पाठक, माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. आलोक पांडेय, मृदा वैज्ञानिक डॉ. महेश सिंह, वन वैज्ञानिक डॉ. जगदीप पांडेय, पेस्टीसाइड विशेषज्ञ डॉ. उमेश, कृषि विशेषज्ञ डॉ. चन्द्रशेखर मिश्र एवं स्वास्थ्य संसद के उप सभापति डॉ. उपेन्द्र उपध्याय ने अपने विचार रखे। यह सत्र पूरे आयोजन में सबसे ज्यादा नवोन्मेषी एवं समाधानपरक रहा।
जनऔषधि, पोषण और आयुष्मान पर विमर्श
तीसरे दिन का पहला सत्र ‘स्वस्थ भारत के तीन आयामः जनऔषधि, पोषण और आयुष्मान’ विषय पर था। इस सत्र को पोषण एक्सपर्ट डॉ. अनन्या अवस्थी, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के डीजीएम कुंदन कुमार सिंह, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के सीनियर कंसल्टेंट वीर भारती ने संबोधित किया जबकि अध्यक्षता पद्मश्री परम विदुषी विद्या बिन्दु सिंह ने की। गौरतलब है कि स्वस्थ भारत (पंजी. न्यास) द्वारा चलाए जा रहे स्वस्थ भारत अभियान के तहत चल रहे कैंपेनों में उपरोक्त तीनों बिन्दुओं पर विगत 12 वर्षों में सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। इस सत्र का संचालन निखिल आंनंद गिरि ने किया।
समापन सह सम्मान समारोह
तीसरे दिन समापन सह सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कृष्णा राज, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डीन डॉ. महेश व्यास, स्वास्थ्य संसद के सभापति व आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिजेन्द्र सिंह एवं स्वस्थ भारत (पंजी. न्यास) के अध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह ने इस सत्र को संबोधित किया। सम्मान समारोह में सुशीला नायर स्वस्थ भारत उत्कृष्टता सम्मान, स्वस्थ भारत नारी शक्ति सम्मान, स्वस्थ भारत सारथी सम्मान, स्वस्थ भारत जनऔषधि मित्र सम्मान एवं स्वस्थ भारत उत्कृष्ट जेनरिक दवा निर्माता सम्मान प्रदान किए गए। इस समापन एवं सम्मान सत्र का संचालन निखिल आनंद गिरि ने किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम
इसके पूर्व स्वास्थ्य संसद के पहले दिन उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से सांस्कृतिक कार्यक्रम राम संध्या का आयोजन किया गया। वरिष्ठ तबलावादक रत्नेश मिश्रा व उनकी टीम ने शानदार आयोजन किया। वरिष्ठ क्लासिकल गायिका सुमीता दत्ता, सुचिता प्रभाकर, अ न्नपूर्णा मिश्रा के गायन एवं दुर्गेश्वरी सिंह के नृत्य ने सांस्कृतिक संध्या को राममय कर दिया। वही दूसरे दिन संध्या में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह कवि सम्मेलन वरिष्ठ कवि आलोक ‘अविरल’ की अध्यक्षता में शुरु हुआ। इसमें मनोज सिंह भावुक, अमित त्यागी, डॉ. वागीश सारस्वत, निखिल आनंद गिरि, अजय कुमार मिश्र, आशुतोष कुमार पांडेय, डॉ. अलका अग्रवाल
सिगतिया, डॉ. राजेश कुमार मांझी व डॉ. मिनाक्षी पांडेय ने काब्य पाठ किया। यह कवि सम्मेलन रात्रि के 11 बजे तक चलता रहा। निखिल आनंद गिरि की एक कविता पर सारा मंच रो पड़ा। अध्यक्ष आलोक अविरल, निखिल गिरि की आपबीती कविता पाठ के बाद अपने आप को रोक नहीं पाए और फफक-फफक कर रोने लगे, पूरे हॉल में पिन ड्रॉप साइलेंस पसर गया। इस कवि सम्मेलन का संचालन अमित त्यागी ने किया। जबकि तीसरे दिन युवा कलाकार अमित श्रीवास्तव ने ‘जटायु की सद्गति’नाटिका का एकल मंचन किया। पांच मिनट के इस भव्य एवं दिव्य प्रस्तुति को देखकर स्वास्थ्य संसद के सभी प्रतिभागी दंग रह गए। पशु-पक्षियों से प्रेम करने का संदेश देते इस नाटिका को बहुत सराहा गया। इसके पूर्व स्वास्थ्य संसद का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन की जगह ‘जल भरो’ से हुआ। आचार्य नरेद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की परंपरा रही है कि यहां पर जो भी आयोजन होता है, उसका शुभारंभ कलश में जल डालकर किया जाता है। इस परंपरा का उद्देश्य प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठा कर जीने की शिक्षा देना है। जल भरो के बाद विश्वविद्यालय की पांच छात्राओं ने अपना कुलगीत गाया। उद्घाटन सत्र में मिलेट्स मैन ऑफ इंडिया डॉ. खादर वली के वक्तव्य के पहले बुद्धिनाथ मिश्र द्वारा रचित मिलेट्स गीत का गायन प्रसिद्ध लोकगायिका मनीषा श्रीवास्तव ने किया। जबकि स्वागत उद्बोधन स्वस्थ भारत के अध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह ने दिया। उद्घाटन एवं सांस्कृतिक सत्र का संचालन मनोज सिंह भावुक ने किया।
सबकी मेहनत को सलाम
साथ ही इस आयोजन की सफलता में जिन लोगों ने दिन रात मेहनत की उनमें मोहन चक्रवैश्य व अभिमन्यू सिंह (जबलपुर), चन्द्रशेखर सिंह (बिहार), निधि सिंह (लखनऊ), एवं वरिष्ठ कैमरा मैन व सामजिक कार्यकर्ता चन्द्रकांत शर्मा (गाजियाबाद) का नाम उल्लेखनीय है। इस आयोजन को करने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से 60 सदस्यीय आयोजन समिति बनाई गई थी जिसकी नोडल अधिकारी डॉ. प्रतिभा सिंह थी। सभी के समन्वित प्रयास से यह आयोजन न सिर्फ सार्थक रहा, बल्कि भारत के स्वास्थ्य एडवोकेसी के इतिहास में एक सुनहरा पन्ना जोड़ने में भी सफल रहा है।