स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

टीबी हारेगा, देश स्वस्थ होगा… राष्ट्रपति ने लॉन्च किया अभियान

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। टीबी हारेगा, देश स्वस्थ होगा…प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान लॉन्च करने के कार्यक्रम का यही मूल संदेश रहा। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने इस अभियान को प्रारंभ करते हुए नागरिकों से टीबी के उन्मूलन हेतु जनभागीदारी की भावना से युद्धस्तर पर एकजुट होकर कार्य करने का आग्रह किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपालों और उपराज्यपालों, राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और अन्य गणमान्य हस्तियों के साथ मौजूद थे।

13.5 लाख रोगी रजिस्टर्ड

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने टीबी कार्यक्रम की सफलता का श्रेय टीबी मामलों की अधिसूचना और लगातार प्रयासों जैसे प्रमुख संकेतकों को दिया जिनके कारण 2021 के अंत तक मासिक अधिसूचना रिपोर्टिंग पूर्व महामारी के स्तर तक पहुंच गई। उन्होंने वैश्विक लक्ष्य से पांच वर्ष पहले, 2025 तक टीबी का उन्मूलन करने के लिए जनांदोलन की जरूरत दोहरायी। मंत्री ने सूचित किया कि नि-क्षय पोर्टल में लगभग 13.5 लाख टीबी रोगी पंजीकृत हैं, जिनमें से 8.9 लाख सक्रिय टीबी रोगियों ने एडॉप्शन के लिए अपनी सहमति दे दी है। डिजिटल पोर्टल नि-क्षय टीबी रोगियों को सामुदायिक सहायता के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

NTEP के बारे में

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP), जिसे पहले संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (RNTP) के रूप में जाना जाता था, का लक्ष्य भारत में टीबी के बोझ को सतत विकास लक्ष्यों से पांच साल पहले 2025 तक रणनीतिक रूप से कम करना है। भारत से 2025 तक टीबी उन्मूलन करने के भारत सरकार के उद्देश्य पर जोर देने के लिए 2020 में RNTP का नाम बदलकर राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) कर दिया गया। यह 632 जिलों में एक बिलियन से अधिक लोगों तक पहुंच बना चुका है।

सही उपचार के लिए कदम

टीबी के जिन रोगियों का निदान हो चुका है, उनके लिए यूनिवर्सल ड्रग ससेप्टिबिलिटी टेस्टिंग (UDST) के आधार पर कार्यक्रम ने देश भर में 2021 तक 3,760 एनएएटी मशीनों को जोड़ा। इससे यह सुनिश्चित किया गया कि जिन रोगियों में दवा प्रतिरोधी टीबी का पता चला है, उनकी शुरुआत से ही सही उपचार प्रारंभ किया जा सके। दिसंबर 2022 तक 1,50,000 से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए जाएंगे, ताकि जमीनी स्तर पर टीबी देखभाल सेवाओं सहित समग्र प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का संवितरण किया जा सके।

Related posts

बेटी बचाओ का संदेशवाहक बनी डॉ.राखी अग्रवाल

Ashutosh Kumar Singh

रामपुर जनपद के केमिस्ट एसोसिएशन ने की बंद से अलग होने की घोषणा।

Vinay Kumar Bharti

नेशनल डॉक्टर्स डे पर 2 जुलाई को स्वस्थ भारत का भव्य आयोजन

admin

Leave a Comment