नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। कोरोना और उसके नये वर्जन रद.1 के कारण संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। JN.1 के सर्वाधिक मामले कर्नाटक में 34 तो गोवा में 14 हैं। कुल 109 इसी वैरिएंट के मरीज हैं। संक्रमण के कुल 529 मामले रिकॉर्ड किये गये हैं। जीनोम सिक्वेंसिंग से पता चलेगा कि ये JN.1 के हैं या नहीं।
24 घंटे में तीन की मौत
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ें बताते हैं कि पिछले 24 घंटे में संक्रमण से तीन और लोगों की मौत हुई जिनमें से दो कर्नाटक और एक गुजरात से है। पांच सितंबर तक मामलों में कमी दर्ज की गई थी। लेकिन ठंड का मौसम आते ही मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मंत्रालय बताता है कि मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है।
दिसंबर में संक्रमण क्यों?
बीते सालों के अनुभव बताते हैं कि कोरोना में तेजी दिसंबर से ठंड और शुष्क सर्दी के बीच हो रही है। नेचर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार पहली बार कोविड की लहर को फैलने में मौसम का काफी सहयोग मिला था। सर्दियों के आते ही तापमान में गिरावट आती है और मौसम शुष्क। डेल्टा के फैलने में यही परिस्थिति थी। चीन की सिचुआन इंटरनेशनल स्टडीज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी इसी तरह की थ्योरी की पुष्टि की है। इसी मौसम में छुट्टियां भी होती हैं और वह भी प्रसार में सहायक हो जाती हैं।