स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

कोरोना वैक्सीन से हुई मौतों से सरकार ने झाड़ा पल्ला

नयी दिल्ली ( (स्वस्थ भारत मीडिया))। कोरोना टीकाकरण से हुए किसी भी तरह के दुष्प्रभाव के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर सुप्रीम कोर्ट को यह बताया है। सरकार ने कहा है कि टीके के कारण हुई मौत के मामलों के लिए सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर कर मुआवजे की मांग की जा सकती है। केंद्र ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड-19 के टीके लगवाने को लेकर कोई भी कानूनी बाध्यता नहीं है।

हुआ क्या था…

दरअसल एक गार्जियन की ओर से एक याचिका दायर की गई थी कि उनकी दो बेटियों की मौत कोविड वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स के कारण हुई। याचिकाकर्ता के वकील सत्य मित्रा ने यह तथ्य रखा था कि इनकी पहली 18 वर्षीय बेटी को मई 2021 में कोविशील्ड की पहली खुराक मिली और एक माह बाद जून 2021 में उसकी मौत हो गई। दूसरी 20 वर्षीय बेटी को कोविशील्ड की पहली खुराक जून 2021 में मिली और उसकी भी एक माह बाद जुलाई 2021 में उसकी मौत हो गई। याचिका में गार्जियन ने मुआवजे की मांग की गई थी।

मंत्रालय का पक्ष

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में केंद्र को नोटिस जारी किया था। स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक हलफनामे में कहा, वैक्सीन के इस्तेमाल से होने वाली मौतों को लेकर मुआवजा देने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया नहीं जा सकता है। ऐसा करना कानूनी तौर पर गलत होगा। मंत्रालय ने कहा कि सरकार टीका लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है, लेकिन इसके लिए कोई भी कानूनी बाध्यता नहीं है। उसने कहा कि एडवर्स इफेक्ट फॉलोइंग इम्युनाइजेशन समिति की जांच में टीके से हुई मौत का केवल एक ही मामला सामने आया है। दूसरी मौतें टीके के प्रभाव से नहीं हुई।

Related posts

Spinning of charkha is a harbinger of psychological and emotional well-being.

Ashutosh Kumar Singh

हर कोरोनारोधी वैक्सीन की जांच कराये केंद्र सरकार : AIM

admin

28 फरवरी तक कर सकेंगे विज्ञान पुरस्कार के लिए नामांकन

admin

Leave a Comment