स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

चश्मे से छुटकारा दिलायेगा आने वाला आई ड्रॉप

अजय वर्मा

नयी दिल्ली। आंख कमजोर हो तो चष्मा लगाना पड़ता है लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होगा। इस दिषा में आगे बढ़ते हुए अमेरिका ने एक आई ड्रॉप को मंजूरी दी है जिससे पढ़ने के चश्मे की जरूरत खत्म हो सकती है।

अमेरिका में मिली मंजूरी

वह आई ड्रॉप है ‘वुइटी’। यह अपनी तरह की पहली आई ड्रॉप है जो उम्र से संबंधित निकट दृष्टि समस्याओं में सुधार करती है।े हाल ही में यूनाइटेड स्टेट्स फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने इसकी सिफरिष की है। यह एक प्रसिद्ध दवा का निर्माण है जिसे पाइलोकार्पिन के नाम से जाना जाता है। यह आई ड्रॉप 40 से 55 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद है क्योंकि वे फोन या कंप्यूटर पर काम करते समय स्पष्ट रूप से देखने के लिए दिक्कत उठाते हैं।

एक बूंद से 6 घंटे राहत

बता दें कि इसे प्रत्येक आंख में हर रोज एक बूंद डालने की सलाह दी जाती है। इसके 15 मिनट बाद दवा काम करना शुरू कर देती हैं और प्रभाव लगभग छह घंटे तक रहता है। प्रत्येक बूंद कम से कम 6 घंटे तक चलती है। इसे पूरे दिन बेहतर दृष्टि के लिए लागू किया जा सकता है और तब पढ़ने के चश्मे की आवश्यकता नहीं होगी। बूंदों का कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता है, लेकिन कुछ लोगों को हल्का सिरदर्द और आंखों में लाली आ सकती है।

कैसे काम करेगा आई ड्रॉप

शोधकर्ताओं ने कहा कि इसको डिजाइन करने का उद्देश्य आंखों की बूंदों को जल्दी से समायोजित करने और आंसू फिल्म के पीएच के साथ विलय करने की अनुमति देना है। आई ड्रॉप पुतली के आकार को कम करने, दूर दृष्टि बनाए रखने के साथ-साथ निकट दृष्टि को बढ़ाने की आंख की क्षमता का लाभ प्रदान करने में मदद करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 750 लोगों पर दो रैंडम कंट्रोल ट्रायल के बाद इस शोध के नतीजे निकाले गए। आधे लोगों को आई ड्रॉप Vuity मिला, जबकि अन्य को प्लेसीबो।

Related posts

रातो-रात ड्रग लाइसेंस बनाने में जुटा औषध प्रशासन!

Ashutosh Kumar Singh

केन्द्र सरकार की अपील, स्वास्थ्य मद में अपने बजट का 8 फीसद खर्च करें राज्य सरकार

Ashutosh Kumar Singh

साइबर योद्धा बनकर मिशन मोड में काम करना होगा : इंद्रेश कुमार

admin

Leave a Comment