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पहला मरीज मिलने के 100 दिन के भीतर कब्जे में होगा वायरस

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारत ने भविष्य की स्वास्थ्य महामारी से निपटने के लिए अपनी नीति तैयार कर ली है। ऐसी स्थिति में जब भी पहला संदिग्ध या पुष्ट मरीज मिलता है तो 100 दिन के भीतर न सिर्फ वायरस पूरी तरह से कब्जे में लिया जाएगा बल्कि उसकी दवा या टीका की खोज भी साथ-साथ शुरू होगी।

मरीज की निगरानी जिलास्तरीय टीम करेगी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसमें कहा गया है कि जिला स्तर पर स्वास्थ्य टीमें मरीज की निगरानी करेंगी। साथ ही स्थानीय स्तर पर बीमारी के बारे में लोगों को सचेत भी करेंगी जबकि राज्य स्तर की टीमें मरीज के सैंपल को सुरक्षित प्रयोगशाला तक पहुंचाने से लेकर उससे संबंधित आंकड़े, चिकित्सा इतिहास और अध्ययन पर काम करेंगी। सरकार ने अपनी इस पूरी तैयारी को चार भागों में बांटा है जो सभी पहले दिन से सक्रिय होने चाहिए। नीति आयोग का यह मसौदा 80 पन्नों का है।

हर सूबे में हो नोडल अफसर

इसमें कहा गया है कि भविष्य की महामारी को लेकर अभी से देश के प्रत्येक राज्य में एक-एक नोडल ऑफिसर तैनात किया जाएगा। यह सभी जिलों में विभिन्न रोगजनकों और उनके प्रभावों की निगरानी के लिए जिम्मेदार होगा। नीति आयोग के मसौदे में संभावित महामारी पर WHO की सूची का भी जिक्र है। डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बताया था कि वर्तमान में ऐसे कई रोगजनकं प्रसार में हैं जो भविष्य में कोरोना से भी बड़ी महामारी लाने की क्षमता रखते हैं। इनकी निगरानी की चर्चा सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि सभी देशों में की जा रही है।

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