नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। पोषण अभियान 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार के लिए भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य मिशन मोड में कुपोषण की चुनौती का समाधान करना है। महिला और बाल विकास मंत्रालय हर साल सितंबर के महीने को पोषण माह के रूप में मनाता है।
महिला-बच्चा पर फोकस
जानकारी के मुताबिक इस वर्ष महिला और स्वास्थ्य और बच्चा पर मुख्य ध्यान देने के साथ पोषण माह को ग्राम पंचायतों के माध्यम से पोषण पंचायतों के रूप में शुरू करना है। स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने के लिए इस आयोजन में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, छह साल से कम उम्र के बच्चों और किशोर लड़कियों पर विशेष ध्यान देने के साथ संवेदीकरण अभियान, आउटरीच कार्यक्रमों, पहचान अभियान, शिविरों और मेलों के माध्यम से जमीनी स्तर पर पोषण के बारे में जागरूकता के लिए देश भर में गहन गतिविधियां देखी जाएंगी।
जमीनी स्तर तक काम होगा
पंचायत स्तर पर संबंधित जिला पंचायती राज अधिकारियों एवं सीडीपीओ के मार्गदर्शन में जागरूकता गतिविधियों का संचालन किया जायेगा। पोषण पंचायत समितियां, आंगनवाड़ी केंद्रों (AWCs), ग्राम स्वास्थ्य और पोषण दिवस (VHNDs) और अन्य प्रासंगिक प्लेटफार्मों के माध्यम से समस्या निवारण करने के लिए क्षेत्रीय स्तर के कार्यकर्ताओं FLWs, AWW, ASHA, ANM के साथ मिलकर काम करेंगी। स्वस्थ बालक स्पर्श के तहत राज्यों द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा, जिला पदाधिकारियों और लायंस क्लब, रोटरी क्लब आदि की मदद से विकास मापन अभियान चलाए जाएंगे। एनीमिया जांच के लिए स्वास्थ्य शिविर विशेष रूप से आंगनवाड़ी केंद्रों में आयोजित किए जाएंगे।