नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। ICMR और पैनेसिया बायोटेक ने भारत की पहली स्वदेशी डेंगू वैक्सीन के लिए तीसरे फेज में क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया है। इससे स्वदेशी टेट्रावैलेंट डेंगू वैक्सीन, डेंगीऑल के प्रभाव का मूल्यांकन करेगा। इसका पहला टीका रोहतक में पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PGIMS) में लगाया गया। यह परीक्षण 18 राज्यों में 19 स्थानों पर होगा जिसमें 10 हजार से अधिक स्वस्थ वयस्क प्रतिभागी शामिल होंगे।
दो फेज के परीक्षणों के नतीजे बेहतर
मालूम हो कि टेट्रावैलेंट डेंगू वैक्सीन स्ट्रेन (TV003/TV005) को मूल रूप से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH), अमेरिका द्वारा विकसित किया गया था। इसने परीक्षणों में आशाजनक परिणाम प्रदर्शित किए हैं। यह स्ट्रेन पाने वाली तीन भारतीय कंपनियों में से पैनेसिया बायोटेक भी एक है। कंपनी ने पूर्ण विकसित वैक्सीन फॉर्मूलेशन विकसित करने के लिए इन स्ट्रेन पर बड़े पैमाने पर काम किया है और इस काम के लिए एक पेटेंट प्रक्रिया भी रखी है। भारतीय वैक्सीन फॉर्मूलेशन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण 2018-19 में पूरे हुए और आशाजनक परिणाम मिले।
परीक्षण प्रगति का प्रतीक : नड्डा
इस उपलब्धि पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि परीक्षण की शुरुआत डेंगू के खिलाफ हमारी लड़ाई में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। यह नागरिकों को इस बीमारी से बचाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और वैक्सीन अनुसंधान और विकास में भारत की क्षमताओं को रेखांकित करता है। इससे हम लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम उठा रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को भी सुदृढ कर रहे हैं।