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पत्नी की लाश के लिए चार दिनों से गुहार लगा रहा है महादेव भगत, पुवाल का पुतला बनाकर अंत्येष्टि की तैयारी

परिजनों को लाश नहीं देने के मामले में पुलिस का हस्तक्षेप !
परिजनों को बात आगे न बढ़ाने की धमकी

वैशाली/पटना: (अपडेट)
सूत्रों के हवाले से खबर है की पुलिसिया दबाब में सुमित्रा देवी के शव को लौटाया जा रहा है। स्वस्थ भारत डॉट इन पर शेयर होने के साथ ही स्थानीय कार्यकर्ताओं ने मामले की जानकारी ली साथ ही पुलिस को अलर्ट किया ।पुलिस के हरकत में आने के बाद ही अस्पताल ने शव लौटाने की जुगत में लग गया है।
यह था मामला :
अगमकुँवा स्थित शांति केयर क्लिनिक में चार दिन पूर्व महादेव भगत की गर्भवति पत्नि सुमित्रा देवी ने दम तोड़ दिया। स्थानीय सदर अस्पताल में जब सुमित्रा की स्थिति को नहीं सुधारा जा सका तब उसे पीएमसीएच के लिए रेफर कर दिया गया था। लेकिन स्थानीय दलालों ने परिवार को पीएमसीएच  न ले जाने की सलाह दी और कहा कि वहां से कोई जिंदा वापस नहीं लौटता। मजबूरन परिवार ने सुमित्रा को शांति केयर में एडमिट करा दिया। एडमिशन के समय अस्पताल ने 60000 रुपये लिए। यहां बताता चलूं कि यह रूपया महादेव भगत ने अपनी जमीन का अंतिम टुकड़ा बेचकर इकट्ठा किए थे। एडमिशन के एक घंटे के अंदर ही मरीज ने दम तोड़ दिया। अस्पताल ने घर वालों से 1 लाख 20 हजार और देने की बात कही। बिहार का अति पिछड़ा समुदाय से आने वाला भगत परिवार के पास एक फूटी कौड़ी भी नहीं थी। बहुत गिड़गिड़ाया परिवार वालों ने किसी ने नहीं सुनी और उनके सारे कागज को छीन लिया गया और उन्हें वहां से भगा दिया गया।
सुमित्रा देवी के पति व चार बच्चे...
 
पुवाल के पुतला की अंत्येष्टि की तैयारी में परिजन
पिछले चार दिनों में जब अस्पताल ने लाश नहीं दिया तब वहां के ग्रामीणों ने पुवाल का पुतला बनाकर उसका प्रतिकात्मक अंत्येष्टि करने की तैयारी कर ली है। इसी बीच 125 वैशाली विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे अमीय भूषण की टीम जब उस गांव में चुनाव प्रचार करने पहुंची तो उसे इस मामले की जानकारी मिली। अमीय भूषण ने इस मामले की कड़ी निंदा करते हुए इस मामले में एफआईआर कराने की बात कही है। समाचार लिखे जाने तक एफआईआर कराए जाने की बात चल रही थी। गांव के लोगों का कहना है कि हो सकता है कि अस्पताल लाश को गायब कर दिया हो।
गौरतलब है कि इस मामले को दबाने के लिए अस्पताल प्रशासन धमकी देना भी शुरू कर दिया है। एक स्थानीय व्यक्ति ने अपना नाम न बताने के शर्त पर बताया कि अस्पताल प्रशासन इस मुद्दे को आगे न बढ़ाने के लिए धमकी दे रहा है।
 
 
 

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1 comment

P K Singh October 26, 2015 at 10:49 pm

Shame on us.how helpless we are even we can’t help our people.

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