नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने इस बात पर खुशी जाहिर कि आधुनिक गर्भ निरोधकों का उपयोग काफी हद तक बढ़कर 56.5 फीसद हो गया है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण एक समग्र सकारात्मक बदलाव दिखाता है। वे दिल्ली में राष्ट्रीय परिवार नियोजन शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही थीं।
भारत ने पहले ही समझ लिया था महत्व
उन्होंने कहा कि भारत परिवार नियोजन के महत्व को जल्दी ही समझ गया और 1952 में राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। हमने तब से एक लंबा सफर तय किया है। उन्होंने कहा कि आज परिवार नियोजन को मातृ एवं बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए एक प्रमुख पहल के रूप में विश्व स्तर पर पहचाना जाता है। जनसंख्या के मुद्दे केवल लोगों की संख्या से संबंधित नहीं हैं, बल्कि जनसांख्यिकीय, स्वास्थ्य और सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर इसका प्रभाव, जैसे विवाह की उम्र, लिंग अनुपात, मृत्यु दर, प्रजनन क्षमता आदि पर निर्भर हैं।
3 बिलियन डालर का निवेश
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि भारत ने परिवार नियोजन में 3 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश किया है। आठ वर्षों के कार्यकाल (2012- 2020 से) के दौरान भारत ने आधुनिक गर्भ निरोधकों के लिए 1.5 करोड़ से अधिक अतिरिक्त उपयोगकर्ता जोड़े जिससे आधुनिक गर्भनिरोधक उपयोग में काफी वृद्धि हुई।