नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रसार को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से ICMR ने टीका और जांच किट विकसित करने के लिए कंपनियों से 10 अगस्त तक टेंडर आमंत्रित किया है। केंद्र ने इस संक्रमण की जांच के लिए डायग्नोस्टिक किट के विकास में संयुक्त सहयोग के लिए अनुभवी वैक्सीन निर्माताओं, इन-विट्रो डायग्नोस्टिक (IVD) किट निर्माताओं से ईओआई आमंत्रित किया है। इस बीच नोयडा, गाजियाबाद, सोनीपत और तेलंगाना में भी इसके संदिग्ध मरीज मिले है। राज्य सरकारों ने भी अलर्ट जारी कर दिया है।
बिहार में लैब का अभाव
18 जुलाई को केरल में पहला मरीज मिला था। भारत में अब तक 4 मरीज मिल चुके हैं। सैंपल की जांच नेशनल इंस्टीट्युट ऑफ वायरोलोजी, पुणे के लैब में करायी जा रही है। बिहार में भी दो संदिग्ध मरीज मिले है। न तो जांच किट है और सैंपल परीक्षण के लिए लैब का भी अभाव है। सूत्र बताते हैं कि लैब की व्यवस्था करने में कम से कम तीन सप्ताह लग जायेंगे। कोरोना काल में भी देरी से पबउत ने बिहार में लैब की मंजूरी दी थी।
80 देशों में 19 हजार केस
Monkeypoxmeter पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक अब तक 80 देशों में इसके 19 हजार मरीज हो गये है। WHO इसे पहले ही हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है।