नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। त्वचा पर दर्दनाक दाद, फफोले (रैशेज) और छाले यानी हर्पीस वायरस के लिए हर्पीस जूस्टर वैक्सीन तैयार हो गई है। इस वैक्सीन के पांच सैंपलों को सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी (CDL), कसौली ने हरी झंडी भी दे दी है। अन्य सैंपल भी जांच के लिए प्रयोगशाला में आ रहे हैं। यह दवा निजी कंपनी की ओर से बनाई गई है। दावा है कि यह वैक्सीन लगते ही व्यक्ति में एंटीबॉडी तैयार हो जाएगी और वायरस को कम कर देगी। यह त्वचा संबंधी संक्रमण है।
रीढ़ की हड्डी की सर्जरी हुई आसान
रीढ़ की हड्डी से संबंधित डस्क की बीमारी, स्पाइनल स्टेनोसिस का आसान इलाज एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी से आसान हो गया है। इसमें न निशान पड़ता है, न इंफेक्शन का खतरा है। मरीज की रिकवरी भी जल्द हो जाती है। कट भी बहुत छोटा लगता है। आम सर्जरी की तुलना में समय भी कम लगता है। इस सर्जरी के जरिए हर्नियेटेड डिस्क और स्पाइनल इंफेक्शन जैसी बीमारियों का आसानी से इलाज हो जाता है। सबसे बड़ी बात, खर्च भी कम आता है।
संक्रमितों के लिए यहां होम आइसोलेशन अनिवार्य
कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने कोरोना संक्रमितों के लिए होम आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया है। वहां मंगलवार को कोरोना के 74 नए मामले आए थे। बीते 24 घंटे में दो लोगों की संक्रमण से मौत भी हो गयी है। फिलहाल वहां इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 464 हो गई है जबकि कोरोना से हुई मौतों की कुल संख्या नौ हो गई है।