नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। जाने-माने वैज्ञानिक और औषधि अनुसंधान के क्षेत्र के दिग्गज पद्मश्री डॉ. नित्यानंद का लखनऊ में 27 जनवरी को 99 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका निधन वैज्ञानिक जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।
जेनेरिक फार्मा के जनक थे
उनके योगदान का लंबा सिलसिला रहा है। भारत में ‘हम दो हमारे दो’ की अवधारणा उन्हीं की देन थी। हानि रहित और मामूली कीमत वाली गैर-स्टेरायडल गर्भनिरोधक ‘छाया’ उन्हीं की देन है जिसे पहले ‘सहेली’ के नाम से जाना जाता था। महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में यह गर्भनिरोधक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। उन्हें सस्ती व सुलभ दवाइयों व जेनेरिक फार्मा का जनक भी माना जाता है। औषधि रिसर्च तथा विज्ञान जगत में उनके योगदान को देखते हुए 2012 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया गया था।