नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। WHO ने आयुष मंत्रालय की केन्द्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) के राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा विरासत संस्थान (NIIMH), हैदराबाद को पारंपरिक चिकित्सा में मौलिक और साहित्यिक अनुसंधान (CC IND-177) के लिए सहयोगी केन्द्र के रूप में नामित किया है। यह प्रतिष्ठित मान्यता चार साल के लिए दी गई है। पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में यह तीसरा WHO सहयोग केंद्र है। दो और केंद्र हैं आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान, जामनगर तथा मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (MDNIY), नई दिल्ली। भारत में बायोमेडिसिन और संबद्ध विज्ञान के विभिन्न विषयों में करीब 58 WHO सहयोगी केन्द्र हैं।
बुजुर्गों के लिए WHO की नयी पहल
WHO ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में सुधार के उपायों की अपील की। क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजिद ने एक बैठक में कहा कि इस क्षेत्र में 12.6 प्रतिशत लोग 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं। 2030 तक यह आंकड़ा 14 प्रतिशत और 2050 तक 23.6 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। इस जनसांख्यिकीय बदलाव से निपटना एक चुनौती है।