नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी देशों से अपील की है कि वह दूषित दवाओं के प्रति तुरंत और सख्त कार्रवाई करें। बता दें कि हाल के समय में कफ सीरप से कई बच्चों की मौत के मामले सामने आए हैं। WHO ने एक बयान में बताया कि करीब 5 साल के 300 से ज्यादा बच्चों की जांबिया, इंडोनेशिया, उज्बेकिस्तान में मौत हुई। इनकी मौत का कारण किडनी की खराबी रहा और इसका ताल्लुक दूषित दवा से था।
194 देशों से अपील
WHO ने कहा कि खांसी के कुछ सीरप में डाइएथिलीन ग्लाइकोल और एथीलीन ग्लाइकोल की मात्रा ज्यादा पायी गई है, जो बच्चों में किडनी की खराबी का कारण बनी। एक्सपर्ट के मुताबिक डाइएथिलीन ग्लाइकोल और एथीलीन ग्लाइकोल जहरीले रसायन होते हैं, जो बेहद कम मात्रा में भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। संस्था का कहना है कि ये तत्व दवा में कभी नहीं होने चाहिए। उसने सभी 194 सदस्य देशों से अपील की है कि वह अपने-अपने देश में दूषित दवा के खिलाफ कार्रवाई करें, ताकि ऐसी और मौतों को रोका जा सके।
जानें अलर्ट में क्या कहा गया
WHO ने कहा है कि अपने-अपने बाजार से ऐसी दवा के सर्कुलेशन को रोकें जिनमें जहरीले तत्व हैं और जो मौत का कारण बन सकते हैं। बाजार में मिलने वाले सभी मेडिकल उत्पाद, किसी सक्षम अथॉरिटी से अप्रूव हों और उनके पास ऑथराइज्ड लाइसेंस भी होना चाहिए। सभी देश दवा निर्माण स्थल पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से जांच के प्रावधान करे। मार्केट सर्विलांस की सुविधा होनी रखनी चाहिए। कानून भी ऐसे हों कि खराब दवा के निर्माता और वितरक से निपटा जा सके।