बांदा (यूपी):
कई नामचीन कंपनियों की दवाएं जांच पड़ताल में मानक पर खरी नहीं पाई गई हैं। इन कंपनियों को नोटिस जारी किय गया है। इसी तरह दो ब्रांडेड शैंपू भी मानक के अनुरूप नहीं पाए गए हैं।
ड्रग विभाग की टीम ने चार माह पूर्व जिले के मेडिकल स्टोरों में छापा मारकर कई संदिग्ध दवाओं के सैंपल जांच के लिए लखनऊ स्थित राजकीय विश्लेषक प्रयोगशाला भेजे थे। इनकी जांच रिपोर्ट 20 अगस्त को आई है।
रिपोर्ट में वाकहर्ड लिमिटेड कंपनी सोलन में निर्मित खांसी का सीरप जेडेक्स, सिंकम हेल्थ केयर लिमिटेड उत्तराखंड में निर्मित बच्चों के हेल्थ के लिए सिंकम ग्राइप वाटर, हेलियस फार्मासिटिकल्स सोलन द्वारा निर्मित खुजली की टेबलेड लाडजिंग, फार्मासिंथ फार्मोलेशन और हरिद्वार में निर्मित बच्चों के दस्त का सीरप मैंगोजिल तथा रोबंस फार्मा गुजरात में बनी टेबलेट फुल्सर-एन दर्शाए गए मानक के अनुरूप नहीं पाए गए।
इसी तरह स्किन मल्हम डर्मोलेन (मुंबई), एरिया हेल्थ केयर सोलन का खांसी सीरप टापडेक्स कफ लेंट्स और एक्यूमस फार्मासिटिकल्स रानीपुर (हरिद्वार) द्वारा निर्मित दर्द निवारक कैपसूल नेक्सडो-एल और शैंपू पेंटीन व हेड एंड सोल्डर भी जांच में मानक पर खरे नहीं मिले। इन सभी को नोटिस भेजकर 15 दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। दवाओं में कपंाउंड मानक से काफी कम पाया गया।
आशुतोष मिश्रा, सीनियर ड्रग इंसपेक्टर, बांदा ने बताया कि सभी निर्माता कंपनियों को नोटिस भेजी गई है। यदि संतोषजनक जवाब नहीं आए तो ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट की धारा 18/27 के तहत न्यायालय में कंपलेंट केस दाखिल किया जाएगा। इस धारा में प्रोडेक्शन बंद करने व जुर्माना से लेकर सजा तक का प्रावधान है’
स्रोत : अमर उजाला
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