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जी हां, कोविड-19 योद्धा ऐसे होते हैं…

स्वस्थ भारत मीडिया कोविड-19 योद्धाओं की कहानी लगातार आपके सामने ला रहा है। इसी कड़ी  में  पढ़ें आशुतोष कुमार सिंह की यह  रपट

 
नई दिल्ली/एसबीएम संडे विशेष
पिछले कुछ वर्षों में चिकित्सकों के प्रति लोगों का विश्वास कम हुआ था। उस विश्वास को भारत के चिकित्सक पुनः बहाल करने में सफल हुए हैं। कोविड-19 काल में जिस तरह उन्होंने सेवा की है, जगजाहिर है। इन योद्धाओं के लिए देश ने ताली बजाई, थाली बजाई। हमारी सेना ने अस्पतालों पर आसमान से फूल बरसाए। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि इन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर दूसरों की सेवा की।

डॉ.नीलम मोहन, शिशु रोग विशेषज्ञ, विभागाध्यक्ष, शिशु रोग विभाग मेदांता मेडिसिटी अस्पताल

स्वस्थ भारत मीडिया शुरू से ऐसे योद्धाओं को अपने पाठकों के बीच लाने की कोशिश करता रहा है। इसी कड़ी में आज हम एक ऐसे चिकित्सक की बात करने जा रहे हैं, जो लॉकडाउन के पहले दिन से ही लोगों की सेवा में जुट गई हैं। उस कोविड-19 योद्धा का नाम है डॉ. नीलम मोहन। डॉ. नीलम मोहन शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। वर्तमान में मेदांता मेडिसिटी अस्पताल के शिशु रोग विभाग की निदेशक हैं। दिल्ली में रहती हैं। मार्च में जब लॉकडाउन की घोषणा हुई तो उनका डॉक्टर मन उन मरीजों के लिए भी तड़प उठा जो कोविड-19 के प्रभाव में आ सकते थे। इस समस्या के समाधान के रूप में उन्होंने एक हेल्पलाइन नं साझा किया। लोगो के सुख-दुख का सहारा बनी। डॉ. नीलम ने लोगों को डॉक्टरी सलाह उस समय देना शुरू किया जिस समय सरकार की गाइडलाइन ठीक से लोगों के बीच में नहीं पहुंच पाई थी।
समय व्यतीत होता गया। सरकारी गाइडलाइन आनी शुरू हुई। सरकार ने युद्ध स्तर पर कार्य करना शुरू किया। फिर सरकार इतनी जल्द सभी जगह अपनी पहुंच नहीं बना पा रही थी। डॉक्टरों को पीपीई किट नहीं मिल पा रहा था। इस बात से उनका मन बहुत व्यथित हुआ। डॉ. नीलम मोहन को लगा कि उनके अपने लोग यानी डॉक्टरों को ठीक से पीपीइ किट नहीं मिल पा रहा है। इस बावत उन्होंने संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन से बात की। वे लोग उनके नेक अभियान को सपोर्ट करने के लिए राजी हो गए। उनके सहयोग से उन्होंने इएसआई गुड़गांव एवं सिविल अस्पताल गुड़गांव एवं सिविल अस्पताल पानीपत को कुल 500 पीपीई किट दान किया। इसके अलावा उन्होंने 400 से अधिक एन-95 मास्क का भी वितरण किया।
डॉ.बी.सी.रॉय राष्ट्रीय अवार्ड लेते हुए डॉ. नीलम मोहन

मूल रूप से हैदराबाद में जन्मी एवं पली बढ़ी डॉ. नीलम को स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व कार्यों को देखते हुए जुलाई 2016 में स्वास्थ्य का प्रतिष्ठित डॉ. बीसी राय राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। यह पुरस्कार सन् 1962 में भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा स्थापित किया गया था। यह पुरस्कार चिकित्सक तथा स्वतंत्रता सेनानी बिधान चंद्र रॉय के नाम से विज्ञान, कला और चिकित्सा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए प्रतिवर्ष दिया जाता है।
डॉ. नीलम मोहन जैसे चिकित्सकों के कारण ही समाज चिकित्सकों को भगवान का दूसरा रूप मानता आया है। डॉ. नीलम मोहन ने जिस तरीके से कोविड-19 योद्धा का कार्य किया है वह सराहनीय है। स्वस्थ भारत मीडिया उनके इस कार्य के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करता है।

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