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रिपोर्ट : कार्बन उत्सर्जन से 13 लाख लोगों की होगी मौत

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। ऑक्सफैम की एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि दुनिया के सबसे अमीर एक प्रतिशत लोगों का कार्बन उत्सर्जन दुनिया की बाकी आबादी के दो-तिहाई यानी पांच अरब लोगों के बराबर है। उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के 7.7 करोड़ सबसे अमीर लोगों का कार्बन उत्सर्जन 2019 में कुल वैश्विक CO2 उत्सर्जन का 16 फीसद तक बढ़ गया।

सबसे अमीर और आम लोगों में बड़ा गैप

इस रिपोर्ट का शीर्षक है जलवायु समानता-99 फीसद के लिए एक ग्रह। यह रिपोर्ट स्टॉकहोम पर्यावरण संस्थान (SEI) के शोध पर आधारित है। इस शोध में 2019 में विभिन्न आय समूहों की खपत और उत्सर्जन का आकलन किया गया। अध्ययन के निष्कर्ष दुनिया के सबसे अमीर लोगों और बाकी आबादी के कार्बन फुटप्रिंट के बीच एक बड़े अंतर को उजागर करते हैं। दुनिया का सबसे धनी एक प्रतिशत हिस्सा बाकी दुनिया की तुलना में जीवाश्म ईंधन में काफी अधिक निवेश करता है।

13 लाख लोगों की मौत का कारण

इस अध्ययन के अनुसार अमीरों द्वारा किया जाने वाला कार्बन उत्सर्जन 13 लाख लोगों की मौत का कारण बनने के लिए पर्याप्त है। कथित तौर पर ये मौतें 2020 से 2030 के बीच होने की आशंका है। ऑक्सफैम इंटरनेशनल के अंतरिम कार्यकारी निदेशक अमिताभ बेहार ने कहा कि दुनिया के सबसे अमीर लोग ग्रह को विनाश की हद तक लूट रहे हैं और प्रदूषित कर रहे हैं, जिससे अन्य लोग अत्यधिक गर्मी, बाढ़ और सूखे से जूझ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम वर्षों से लाखों लोगों के जीवन और हमारे ग्रह को बचाने के लिए जीवाश्म ईंधन के युग को समाप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन यह तब तक संभव नहीं होगा जब तक हम अत्यधिक धन के युग को समाप्त नहीं कर देते। अध्ययन ने यह भी संकेत दिया कि सरकारें दुनिया के सबसे अमीर लोगों के उत्सर्जन को लक्षित करके और जलवायु लक्ष्यों को पूरा करके असमानता और जलवायु परिवर्तन के दोहरे संकट से निपट सकती हैं।

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