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ग्लोबल आयुष सम्मेलन में 9000 करोड़ के निवेश को मंजूरी

अजय वर्मा

नयी दिल्ली। गुजरात के गांधीनगर में आयोजित भारत के पहले वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन 2022 में एफएमसीजी, मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (भारत में हील), फार्मा, प्रौद्योगिकी और निदान और किसान तथा कृषि जैसी प्रमुख श्रेणियों में 9000 करोड़ रुपये से अधिक के आशय पत्र (LOIS) को अंतिम रूप देकर इतिहास रचा है। आयुष क्षेत्र में इस स्तर के पहले प्रमुख कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय संस्थानों तथा अन्य विभिन्न क्षेत्रों के साथ समझौतों की सुविधा प्रदान की गई, वित्तीय विचारों को बढ़ावा दिया गया, पारस्परिक अनुसंधान और वैश्विक स्तर पर आयुष की पहुंच में वृद्धि हुई है।

पीएम के समक्ष पांच महत्वपूर्ण समझौते

एफएमसीजी से 7000 करोड़ रुपये, मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (MVT) से लगभग 1000 करोड़ रुपये, फार्मा सेक्टर से लगभग 345 करोड़ रुपये, किसान और कृषि श्रेणी के लिए 300 करोड़ रुपये और प्रौद्योगिकी तथा नैदानिक श्रेणी में लगभग 60 करोड़ रुपये निवेश के आशय पत्र शामिल हैं। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में 20 अप्रैल को आयोजन के उद्घाटन सत्र के दौरान पांच महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।

5.5 लाख रोजगार सृजन

आयोजन के दौरान केंद्रीय आयुर्वेद विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS), आयुष मंत्रालय और देश के विभिन्न प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों के बीच कुल 12 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। संस्थानों में IIT दिल्ली, IIT गुवाहाटी, ICMR, NITM, AIIMS, CSIR, NIPER, NIMHANS, JNU, ICGB, AVP, TDU शामिल हैं। GAIIS के पहले अध्याय में अमूल, डाबर, काम आयुर्वेद, एकॉर्ड, आयुर वैद, प्राकृतिक उपचार, एम्ब्रो फार्मा और पतंजलि सहित 30 से अधिक FMGC कंपनियों की बहुत उत्साहजनक भागीदारी दिखाई दी। इससे लगभग 5.5 लाख रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। इससे 76 लाख से अधिक लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव होगा।

समझौतों से हजारों किसानों को लाभ

आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किसान समूहों और उद्योग के बीच 50 से अधिक समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया। इसमें 6300 से अधिक किसान शामिल होंगे और इन समझौतों के माध्यम से 4.5 हजार मीट्रिक टन उत्पादन होने की उम्मीद है। अंतर्राष्ट्रीय समझौता ज्ञापनों में से एक आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी) और फंडैसिओन डे सालुडो आयुर्वेद प्रेमा (आयुर्वेद प्रेमा हेल्थ फाउंडेशन), अर्जेंटीना के बीच आयुर्वेद में एक अकादमिक सहयोग की स्थापना के क्षेत्र में किया गया। यह विभिन्न आयुर्वेद पाठ्यक्रमों में मान्यता और पाठ्यक्रम विकास में निरंतर सुधार के लिए उपयोग किए जाने वाले ऑडिट प्रमाणन निकाय बनाने में मदद करेगा।

विदेशी समूहों से भी समझौता

आयुर्वेद में अकादमिक सहयोग की स्थापना पर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ रियो डी जेनेरियो, ब्राजील और ब्राजीलियाई एकेडमिक कंसोर्टियम फॉर इंटीग्रेटिव हेल्थ, ब्राजील के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। यह अनुसंधान में सहयोग को बढ़ावा देगा, ब्राजील में आयुर्वेद के प्रयोग में सुरक्षा का समर्थन करेगा। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और यूनिवर्सिटी हेल्थ नेटवर्क, टोरंटो, कनाडा के बीच फेलोशिप और स्नातक विद्यार्थी प्रशिक्षण तथा चिकित्सा डॉक्टरों और संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवरों आदि के प्रशिक्षण के लिए आपसी सहयोग का पता लगाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।

 

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