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वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य मुद्दों पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने दिया सुझाव

Health Minister gave suggestions to the world on global health issues

नई दिल्‍ली, एसबीएम ब्‍यूरो
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने 19 अक्टूबर को जापान के ओकायामा शहर में जापान की प्रेसीडेंसी के तहत आयोजित जी-20 ओकायामा स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में चार प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य कवरेज की उपलब्धि, बुजुर्ग हो रही जनसंख्या पर प्रतिक्रिया, एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध एवं इसका नियंत्रण सहित स्वास्थ्य जोखिमों का प्रबंधन और स्वास्थ्य सुरक्षा प्रबंधन आदि पर चर्चा हुई।

यूएचसी के लिए सब का साथ, सब का विकास, सब का विश्वास को बताया मंत्र

इस दौरान उन्‍होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) पर अपनी बात रखते हुए समावेशी स्वास्थ्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘सब का साथ, सब का विकास, सब का विश्वास’ के विज़न, आयुष्मान भारत, ‘फिट इंडिया’ आंदोलन और ‘ईट राइट’
अभियान को रेखांकित किया। उन्‍होंने कहा कि भारत यूएचसी के रास्ते पर है और वैश्विक स्तर पर यूएचसी को बनाए रखने में प्रभावी योगदान देगा।

बुजुर्गों की गरिमा सुनिश्चित करने पर दिया जोर

बुजुर्ग हो रही जनसंख्या पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्‍होंने 2050 तक अपनी अनुमानित 20% बुजुर्ग आबादी के लिए भारत के दृष्टिकोण को साझा किया। उन्‍होंने जी-20 देशों को बुजुर्गों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत बढ़ती उम्र के लोगों के लिए सुलभ, सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दीर्घकालिक, व्यापक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने से संबंधित अब तक किए गए प्रयासों से अवगत कराया। उन्‍होंने अपने बुजुर्गों की देखभाल के साथ गरिमा सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।

जोखिम प्रबंधन के बांटे गुर

20 अक्टूबर को उन्‍होंने सिमुलेशन अभ्यास के दौरान दिल्ली में 1994 में सफल पल्स पोलियो अभियान, इसी अवधि में प्लेग के खतरे और 2018 में केरल में निपाह के प्रकोप के दौरान सोशल मीडिया पर निर्मित अफवाह को कम करने के लिए जोखिम संचार प्रबंधन को साझा किया।

ओकायामा घोषणा के सा‍थ पूरी हुई बैठक

जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक “जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की ओकायामा घोषणा” को अपनाने के बाद संपन्न हुई। इसके अलावा, जी-20 सदस्यों ने सऊदी अरब में आगामी जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान इस वार्ता को जारी रखने के प्रति वचनबद्धता व्यक्त की।
इस अवसर पर उन्‍होंने इटली, सिंगापुर, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ द्विपक्षीय बैठक कर दोनों देशों के स्वास्थ्य व अन्य क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

पहली संयुक्त समिति की बैठक की सह-अध्यक्षता की

अपनी जापान यात्रा के दौरान स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने 18 अक्टूबर, 2019 को टोक्यो में जापान के प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार डॉ हीरातो इजूमी के साथ स्वास्थ्य सेवा पर दूसरे सहयोग ज्ञापन (एमओसी) के तहत पहली संयुक्त समिति (जेसीएम) की बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस एमओसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान अक्टूबर 2018 में स्वास्थ्य एवं कल्याण में सहयोग के लिए भारत के आयुष्मान भारत और जापान के एशिया हेल्थ एंड वेल-बीइंग इनिशिएटिव (एएचडब्ल्यूआईएन) ने हस्ताक्षर किए थे।
इस दौरान संयुक्त समिति ने एमओसी के तहत चल रही गतिविधियों की स्थिति की समीक्षा की और इन गतिविधियों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। ये गतिविधियां दोनों देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। बैठक के दौरान जापान ने स्वास्थ्य की देखभाल के क्षेत्र में दोनों देशों की सार्वजनिक निजी एजेंसियों के बीच विशिष्ट परियोजनाओं को प्रस्तुत किया।
ये परियोजनाएं स्वास्थ्य सेवा लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा दक्षता एवं चिकित्सा देखभाल की दक्षता में सुधार के लिए अस्पताल में आईसीटी की उपयोगिता, आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में मानव संसाधनों का आदान-प्रदान और भारत एवं जापान के बीच स्वास्थ्य सेवा नवाचार नेटवर्क की स्थापना जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं। भारत ने इन परियोजनाओं का स्वागत किया और इनसे मिली सीख के आधार पर इन गतिविधियों में विस्तार की इच्‍छा जताई।

जापान के एमईएक्‍सटी से की मुलाकात

इससे पहले अपनी जापान यात्रा के पहले दिन उन्‍होंने टोक्यो में जापान के MEXT (शिक्षा, संस्कृति, खेल, विज्ञान और विज्ञान मंत्रालय) के मंत्री कोईची हागीउडा से मुलाकात की। इस द्विपक्षीय बैठक में विज्ञान, तकनीक और स्वास्थ्य के अलावा अन्य कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान कोईची हागीउडा को अपनी किताब ‘ए टेल ऑफ़ टू ड्रॉप्स’ भेंट करते हुए बताया कि कैसे सभी ने मिलकर भारत में पोलियो को खत्म करने में सफलता प्राप्त की।

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