- स्पेन की स्वास्थ्य मंत्री जनवरी 2015 में आयेंगी भारत
- अंग दान के मामले में स्पैनिश सबसे आगे
‘अंगदान से आप मरकर भी जीवित रहते हैं। आपके दान दिए अंगों से कितने लोगों को नई जिंदगी मिल जाती है। इस दिशा में भारत में अभी जागरूकता का बहुत अभाव है। पिछले दिनों स्पेन दौरे पर गए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस दिशा में बेहतरीन पहल की है।’ संपादक
SBA Desk
भारत को अंग प्रत्यारोपण और अंग दान संबंधी अत्याधुनिक तकनीक हासिल करने और प्रभावकारी मसविदा तैयार करने में स्पेन से भरपूर सहयोग मिलेगा। इस सम्बन्ध में शीघ्र ही दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को लेकर एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होंगे। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और स्पेन की स्वास्थ्य, सामाजिक सेवा एवं समानता मंत्री सुश्री अना माटो एडरोवर के बीच पिछले दिनों मैड्रिड में एक बैठक हुई थी। डॉ. हर्षवर्धन ने इस बावत बताया कि हम भारत में भी अंग दान और अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में ऐसे ढांचागत विकास की उम्मीद कर रहे हैं जो कि स्पेन की तरह उच्चस्तरीय होगा। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्पेन में अंगदान की दर संसार में सबसे ज्यादा है जो प्रति मिलियन जनसंख्या में तकरीबन 35.3 है। इस नए आइडिया को स्पेन भारत को देने के लिए तैयार हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम चाहेंगे कि हमारा राष्ट्रीय अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण संस्थान भी स्पेन की तरह अत्याधुनिक तकनीक से लैस हो जाए। इस मामले में स्पेनिस स्वास्थ्य मंत्री ने भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और स्पेन की स्वास्थ्य एवं सामाजिक सेवा मंत्री सुश्री अना माटो एडरोवर के बीच स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान दोनों मंत्रियों के बीच स्वास्थ्य सुरक्षा, ई-स्वास्थ्य, जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता गैर- संचारी रोगों जैसे डायबिटीज, धमनी संबंधी रोगों और कैंसर को लेकर विचारों का आदान प्रदान हुआ। इस दौरान भारत और स्पेन में इबोला वायरस को लेकर उठाए गए प्रभावकारी प्रावधानों पर चर्चा की गई।
स्पेनिस मंत्री ने डा. हर्षवर्धन के भारत आगमन के निमंत्रण को स्वीकार किया। उम्मीद है कि वह जनवरी 2015 तक भारत आएंगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
मैड्रिड गए डॉ. हर्षवर्धन स्पेन के राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण संस्थान में गए और वहां अंग दाताओं और प्राप्तकर्ताओं के बीच संबंधों की पड़ताल की और वहां के पेशेवर माहौल को जाना समझा। इस दौरान वह संस्थान के निदेशक श्री राफेल माटैशन एडोस से मिले और उनके साथ अंग दान को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया। श्री एडोस ने इस दौरान डॉ. हर्षवर्धन को आश्वस्त किया कि उनका संस्थान भारत को हर क्षेत्र में सहयोग प्रदान करेगा। इस दौरान उन्होंने अंग दान और प्रत्यारोपण संबंधी दिशा निर्देशों की एक पुस्तिका प्रदान की।
डॉ हर्षवर्धन ने बार्सिलोना विश्वविद्यालय के अधीन कार्यरत संसार के सबसे बड़ा अंगदान व प्रत्यारोपण शोध फाउंडेशन का दौरा किया। डॉ. हर्षवर्धन ने डीटीआई निदेशक डा. गलोरिया पेज से मुलाकात की और इस क्षेत्र में हुई अब तक की प्रगतिपर चर्चा की। भारत में हाल के वर्षों में अंग दान और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
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स्वस्थ भारत डॉट इन बहुत अच्छा काम कर रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस तरह के काम की जरूरत है। its a great work don by swasth bharat team.