स्वस्थ भारत मीडिया
आयुष / Aayush

आयुर्वेद प्रोफेशनलों के लिए ‘स्मार्ट’ कार्यक्रम की पहल

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग (NCISM) और केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) ने आयुर्वेद कॉलेजों और अस्पतालों के माध्यम से प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘स्मार्ट’ (स्कोप फॉर मेनस्ट्रीमिंग आयुर्वेद रिसर्च इन टीचिंग प्रोफेशनल्स) कार्यक्रम शुरू किया है।

कार्यक्रम का होगा दीर्घकालिक असर

NCISM के अध्यक्ष वैद्य जयंत देवपुजारी और CCRAS के महानिदेशक प्रो. रबिनारायण आचार्य ने आयुर्वेद बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर बी.एस. प्रसाद और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वैद्य जयंत देवपुजारी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस कार्यक्रम में आयुर्वेद में चिकित्सीय शोध या नैदानिक अनुसंधान में व्यापक बदलाव लाने की विशिष्ट क्षमता है। यह पाया गया कि आयुर्वेद शिक्षकों के विशाल समुदाय की अनुसंधान क्षमता का आम तौर पर उपयोग नहीं हो पाता है। अत: ‘स्मार्ट’ कार्यक्रम का आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान पर गहरा दीर्घकालिक कायाकल्प प्रभाव पड़ेगा।

कई रोगों के अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा

CCRAS के महानिदेशक प्रो. वैद्य रबिनारायण आचार्य ने इसके प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रस्तावित पहल ऑस्टियोआर्थराइटिस, एनीमिया, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, डिस्लिपिडेमिया, रूमेटाइड अर्थराइटिस, मोटापा, मधुमेह मेलेटस, सोरायसिस, सामान्य चिंता विकार, गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (NAFLD) सहित स्वास्थ्य अनुसंधान क्षेत्रों में अभिनव अनुसंधान विचारों की पहचान करने, आवश्यक सहायता करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है।

आयुर्वेद अस्पतालों का विशाल नेटवर्क

उन्होंने कहा कि पात्र आयुर्वेद शैक्षणिक संस्थान 10 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं। सभी विवरण NCISM के माध्यम से सभी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों में साझा किए गए हैं। प्रोफेसर बी.एस. प्रसाद ने कहा कि ‘देश भर में आयुर्वेद कॉलेजों और अस्पतालों का विशाल नेटवर्क देश की स्वास्थ्य सेवा संबंधी जरूरतों के लिहाज से एक अहम संपत्ति है। यह नेटवर्क न केवल संकट काल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता रहा है, बल्कि इसने देश में स्वास्थ्य अनुसंधान के संदर्भ में भी व्यापक योगदान दिया है।

Related posts

Good News For HOMOEOPATHY

Ashutosh Kumar Singh

कोविड-19 से लड़ने में एचआईवी दवाओं से अधिक कारगर कांगड़ा चाय

Ashutosh Kumar Singh

देश में कुल 525 हैं आयुष महाविद्याल!

Ashutosh Kumar Singh

Leave a Comment