अजय वर्मा
नयी दिल्ली। आम तौर पर किसी कैंसर रोगी की औसत पहचान बन गयी है सिर पर बाल का न होना। सच ये है कि इलाज के दौरान कीमोथेरेपी के असर से बाल गिर जाते हैं। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए Stemtech Medical Devices ने ईवा स्कैल्प कूलिंग सिस्टम (Eva Scalp Cooling System) बनाया है। यह एशिया का पहला सिस्टम है। इसके निर्माता सोनी चैनल पर प्रसारित शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन में फंडिंग जुटाने आये थे। उनको 30 लाख की फंडिंग भी मिली।
ऐसे काम करता है सिस्टम
इस स्टार्टअप की शुरुआत रघुवीर सुपुरा ने 2022 के दिसंबर में की थी। वे रांची IIM से MBA करने के बाद 2010 में दवा कंपनी फाइजर में आ गये। वहां करीब तीन साल काम किया। रघुवीर का स्कल्प कूलिंग सिस्टम कीमो के दौरान, उससे पहले और बाद में दिया जाता है। इसका सेशन करीब तीन से पांच घंटे का होता है। इसमें रोगी के सिर को एक कूलिंग तकनीक के जरिए ठंडा किया जाता है जिससे उनके हेयर फॉलिकल्स का एक टेंपरेचर मेंटेन किया जा सके। इससे बालों को झड़ने से बचाया जा सकता है। अभी तक यह मशीन पांच राज्यों के 12 अस्पतालों में लगाई जा चुकी हैं और एक हजार से भी अधिक लोगों को इससे फायदा हुआ है। इसमें एक बड़ी सी मशीन होती है और उससे एक पाइप के जरिए कैप जुड़ी होती है। यह कैप एक कमल के फूल जैसा होता है ताकि छोटे-बड़े हर सिर में अच्छे से फिट हो जाए। वहीं इसके ऊपर से भी एक कैप पहनाई जाती है, जो जरूरी प्रेशर सिर पर डालती है।
महंगा पड़ता है इलाज
चैनल पर दी गयी जानकारी के अनुसार कूलिंग कैप के जरिए सिर के तापमान को 35 डिग्री से घटाकर 17 डिग्री तक लाया जाता है। कीमो में तेजी से बढ़ने वाली कोशिकाओं को ढूंढ कर खत्म किया जाता है औरं हेयर फॉलिकल्स भी नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में इस मशीन का चार्ज 1500 रुपये से लेकर 4000 रुपये प्रति सेशन तक रहता है। अस्पताल को ये मशीन 13 लाख रुपये की पड़ती है जबकि दूसरी कंपनियों की मशीन करीब 24 लाख की आती है। कूल कैप की कीमत करीब 6000 रुपये होती है जिसकी लाइफ 50 घंटे की होती है। यह मशीन रोज चार सेशन कर सकती है।