नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ऐसी कुछ समाचार रिपोर्टों के बाद त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की है, जिसमें भारतीय फार्मास्युटिकल निर्माता मेसर्स एवीओ फार्मास्युटिकल्स, मुंबई द्वारा पश्चिम अफ्रीका के कुछ देशों में टेपेंटाडोल और कैरिसोप्रोडोल की अस्वीकृत संयोजन दवाओं के निर्यात के संबंध में चिंताओं को उजागर किया गया है।
निरीक्षण के बाद स्थिति में सुधार
फार्मास्युटिकल क्षेत्र में नियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने राज्य नियामकों के सहयोग से, दवा निर्माण और परीक्षण फर्मों का दिसंबर 2022 में जोखिम-आधारित निरीक्षण शुरू किया। अब तक 905 इकाइयों का निरीक्षण किया गया है, जिसके बाद 694 कार्रवाई की गई हैं। इन कार्रवाइयों में गैर-अनुपालन की गंभीरता के आधार पर उत्पादन बंद करने के आदेश (एसपीओ), परीक्षण बंद करने के आदेश (STO), लाइसेंस निलंबन/रद्दीकरण, चेतावनी पत्र और शोकेस नोटिस शामिल हैं। इस पहल ने विनिर्माण प्रथाओं की जमीनी हकीकत में ज़रुरी जानकारियां प्रदान की है और महत्वपूर्ण सुधारात्मक कार्रवाइयों को अंजाम दिया है, जिसके नतीजतन नियामक ढांचे में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं।
निर्यात की निगरानी मजबूत हुई
जनवरी 2025 के अंत में, सीडीएससीओ ने राज्य नियामकों के सहयोग से एनडीपीएस दवाओं के निर्माण और निर्यात करने वाली फर्मों पर आधारित ऑडिट किया था। ऑडिट के दौरान आईं टिप्पणियों के आधार पर, भारत से एनडीपीएस दवाओं के निर्यात पर नियामक निगरानी को मजबूत करने के लिए अहम फैसले लिए गए।
भारत में से दवाएं नहीं चलती
इस मौजूदा मुद्दे पर बात करें तो, टैपेंटाडोल और कैरिसोप्रोडोल दोनों को भारत में सीडीएससीओ द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्वीकृत किया गया है। टेपेंटाडोल को 50, 75, और 100 मिलीग्राम टैबलेट रूपों के साथ-साथ 100, 150, और 200 मिलीग्राम विस्तारित-रिलीज़ टैबलेट में भी स्वीकृत किया गया है। हालाँकि, टैपेंटाडोल और कैरिसोप्रोडोल का संयोजन भारत में स्वीकृत नहीं है। इनमें से कोई भी दवा भारत में एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) सूची में शामिल नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की कार्रवाई
ऑडिट और निरीक्षणरू सीडीएससीओ और राज्य नियामक प्राधिकरण की एक संयुक्त टीम ने मेसर्स एविओ फार्मास्यूटिकल्स का 21 और 22 फरवरी 2025 के बीच व्यापक ऑडिट किया। ऑडिट के निष्कर्षों के आधार पर स्टॉप एक्टिविटी ऑर्डर जारी किया गया, जिससे कंपनी के परिसर में सभी परिचालन रोक दिए गए।
- सामग्रियों की जब्ती: ऑडिट के बाद, जांच टीम ने सभी कच्चे माल, प्रक्रियाधीन सामग्रियों और तैयार उत्पादों को जब्त कर लिया। इन संभावित खतरनाक दवाओं के आगे वितरण को रोकने के लिए, टेपेंटाडोल और कैरिसोप्रोडोल की करीब 1.3 करोड़ टैबलेट/कैप्सूल और एपीआई (सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री) के 26 बैचों को रोक लिया गया।
- उत्पादन बंद करने का आदेश: महाराष्ट्र एफडीए ने मेसर्स एविओ फार्मास्यूटिकल्स को 22 फरवरी 2025 को उत्पादन बंद करने का आदेश जारी किया, जिसके बाद संबंधित दवा संयोजनों के निर्माण को प्रभावी ढंग से रोक दिया गया।
- निर्यात एनओसी को वापस लेना: टेपेंटाडोल और कैरिसोप्रोडोल के किसी भी संयोजन के लिए दिए गए निर्यात एनओसी और विनिर्माण लाइसेंस को तुरंत वापस लेने के लिए सभी राज्य ड्रग नियंत्रण प्राधिकरणों और क्षेत्रीय कार्यालयों को सूचित कर दिया गया है। सीडीएससीओ बंदरगाह कार्यालयों के ज़रिए, संदर्भित उत्पादों की सभी खेपों को भेजने के लिए अधिसूचित बंदरगाहों पर, सभी सीमा शुल्क कार्यालयों को भी यही सूचना दे दी गई है।
- निर्यात खेप की जब्ती: घाना के लिए जाने वाली टेपेंटाडोल 125 मिलीग्राम $ कैरिसोप्रोडोल 100 मिलीग्राम की एक निर्यात खेप को, आगे की जांच तक मुंबई एयर कार्गाे में रोक दिया गया है।
- निर्यात एनओसी चेकलिस्ट को अपडेट करना: भविष्य के लिए, सीडीएससीओ एक्सपोर्ट एनओसी चेकलिस्ट को अपडेट कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत से निर्यात की जाने वाली सभी दवाओं के लिए, आयातक देश की राष्ट्रीय नियामक एजेंसी (RNA) से उत्पाद पंजीकरण प्रमाणपत्र या भारतीय नियामक प्राधिकरण (CDSCO) से अनुमोदन आवश्यक हो। चेकलिस्ट को इस प्रकार अपडेट करने से मूल कारण का समाधान हो सकेगा और समस्या को हमेशा के लिए सुलझाया जा सकेगा। केंद्र सरकार वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उपयोग की जाने वाली वैध दवाओं के लिए सुचारू निर्यात संचालन सुनिश्चित करेगी और हाल के निर्णयों और कार्यों के ज़रिए प्रदर्शित त्वरित और मजबूत कार्रवाई से इन कमियों को दूर करेगी।
नागरिकों की सुरक्षा जरूरी
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सीडीएससीओ के साथ, भारत और विदेशों में नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मुद्दे के जवाब में उठाए गए कदम, गैर-स्वीकृत और संभावित रूप से हानिकारक दवाओं के अवैध या अनैतिक निर्यात के प्रति, सरकार की ज़ीरो- टालरेंस नीति को दर्शाते हैं।
उच्चतम मानक बनाए रखें
फार्मास्यूटिकल्स के एक अग्रणी वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत, दवा सुरक्षा और नियामक अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जनता और वैश्विक समुदाय को भरोसा दिलाता है, कि सरकार भारत में निर्मित दवाओं के किसी भी दुरुपयोग से सुरक्षा के लिए, फार्मास्युटिकल निर्यात की निगरानी और विनियमन करना जारी रखेगी।