नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। एम्स दिल्ली पहली बार पहली बार सर्वाइकल कैंसर का कारण बनने वाले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के लिए भारत में निर्मित परीक्षण किटों की सटीकता जानने के लिए जांच करेगा। यह काम WHO की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) की बायोरिपोजिटरी से लिए गए फ्रांस के 1,200 नमूनों का अध्ययन करके शुरू होगी।
स्वदेशी किट सस्ती होगी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अध्ययन अन्वेषक प्रोफेसर नीरजा भाटला ने कहा कि यह ऐतिहासिक परियोजना अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुसार HPV स्क्रीनिंग परीक्षण किट की प्रभावकारिता का आकलन करेगी। एक बार जब ये मान्य हो जाते हैं, तो वे भारत और अन्य निम्न-आय और मध्यम-आय वाले देशों में लाखों महिलाओं को किफायती लागत पर सर्वाइकल कैंसर से जल्द से जल्द छुटकारा पाने में लाभान्वित कर सकते हैं। अभी उपलब्ध HPV परीक्षण किट की कीमत 1,500 रुपये से 3,000 रुपये के बीच है, लेकिन स्वदेशी किट की कीमत इससे कम होगी।
तीसरी तिमाही में आयेगा नतीजा
यह स्टडी IARC के सहयोग से DBT-BIRAC ग्रैंड चैलेंजेज इंडिया के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। परीक्षण एम्स, दिल्ली, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च (NICPR) नोएडा और ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ, मुंबई में किया जाएगा। 21 अप्रैल से लैब की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। अध्ययन तीन महीने चलेंगे। साल की तीसरी तिमाही तक अच्छे नतीजे आ जायेंगे तब इसे राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल किया जा सकेगा।