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गीत-संगीत में डूबी रही स्वास्थ्य संसद की एक शाम

नयी दिल्ली/भोपाल (स्वस्थ भारत मीडिया)। भोपाल के माखन लाल चतुर्वेदी विश्व विद्यालय के न्यू कैंपस में स्वास्थ्य संसद-2023 के पहले दिन संगीत संध्या का आयोजन हुआ ताकि गंभीर विचारों को सुनकर बोझिल हुए स्वास्थ्य सांसदों को शांति और उल्लास का अनुभव हो। इसमें भारतीय क्लासिकल संगीत की प्रस्तुति प्रसिद्ध गायिका श्रीमती सुमिता दत्ता ने दी। इस कार्यक्रम का संचालन कवि-गीतकार अमित त्यागी ने किया।

इस संध्या के मुख्य आकर्षण रहे संगीतकार एवं गायक सरोज सुमन  जिनका म्यूजिक एलबम ‘यादों में तुम’ को तृतीय अलीबाग शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट म्यूजिक वीडियो अवार्ड से नवाज़ा जा चुका है। इनके भोजपुरी, मैथिली गीत भी लोकप्रिय हुए हैं। उनके गीत-गजलों ने खूब तालियां बटोरीं। जिया मोरा लहराए….का करू हाई दईया, उस्ताद सैयद खान का गजल-कायम पड़ा हुया तेरे दर पे नहीं हूँ मैं, गजल मेरे हम हमसफ़र मेरे हम नवा, मुझे दोस्त बना के दगा ना दे….,फरीदा खान का-हाय मार जाएंगे हम तो लूट जाएंगे….आज जाने की जिद ना करो….यूं ही पहलू में बैठे रहो….आज जाने की जिद ना करो….हाय…. मार जाएंगे हम तो लूट जाएंगे ऐसी बातें किया ना करो, आज जाने की जिद ना करो….आदि ने तो महफिल लूट ली।

बीच-बीच में संचालक अमित त्यागी शायरी सुनाकर इस शाम को सुरमयी बना रहे थे। उन्होंने एक बार निदा फाजली का शेर कुछ यूं सुनाया-दिल सलीके से हुआ, रात ठिकाने से रही दोस्ती/कुछ रोज अपनी भी इस जमाने से रही/चंद रोज तो हुआ करती हैं मुस्सबीर आंखें/जिंदगी रोज तो तस्वीर बनाने से रही।

संगीत कार्यक्रम के मध्य ही MCU की पत्रिका ‘विकल्प’ का  कुलपति प्रो. के. जी. सुरेश और उनकी टीम ने विमोचन किया। यह वहां के विद्यार्थियों का प्रायोगिक पत्र है। खासियत यह रही कि स्वास्थ्य संसद आयोजन को देखते हुए मात्र दो दिन में यह अंक प्रकाशित हुआ। इसमें छात्रों और पत्रकारिता विभाग की फैकल्टी का काफी योगदान रहा।

संगीत संध्या के मंच पर कृतिका श्रीवास्तव ने अच्छी वाहवाही लूटी। वे शास्त्रीय गायन में परास्नातक हैं। उन्होंने स्वर्गीय कल्याण सेन से संगीत की शिक्षा ली और वर्तमान में अनूप जलोटा से गजल गायकी सिख रही हैं। युवा शक्ति से भरपूर दीर्घा ने तेज तालियों के साथ इनके गीतों का रसास्वादन किया। उन्होंने गजल तुमको निहारता हूँ….और कुछ गीत पेश किया।

डॉ. अलका सिंह ने श्रीमती सुमिता दत्ता को शॉल और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया। रिजवान खान ने संगीत संध्या को लयबद्ध और मधुर रागिनी से भरने वाले कलाकारों इकबाल खान, मनोज यादव, शहनवाज हुसैन, आरिफ़, अनिफ हुसैन, रवि बाबू (गिटार वादक) को शॉल और मोमेंटो दिया।

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