नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने मानसिक स्वास्थ्य के उपचार को सुलभ और किफायती बनाने पर जोर दिया। वे यहां संस्थानों की सीमाओं से परे मानसिक स्वास्थ्य विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन कर रहीं थीं।
मानसिक स्वास्थ्य आयुष्मान भारत का अंग
डॉ. पवार ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य हमारे स्वास्थ्य का एक अभिन्न अंग है क्योंकि यह हमारे जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित करता है। मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इस लांछन को दूर करना अत्यंत महत्वपूर्ण है जो जरूरतमंदों को आवश्यक सहायता प्राप्त करने से रोकता है। सरकार भी इसे खास महत्व देते हुए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 में बनाया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सामान्य मानसिक विकारों के किफायती उपचार की उपलब्धता और पहुंच को बढ़ावा दे रही है। यह आयुष्मान भारत योजना में शामिल है। राष्ट्रीय दूर-मानसिक स्वास्थ्य सेवा के लॉन्च के बाद से 42 टेली-मानस सेल स्थापित किए गए हैं जो पहले ही 2 लाख से अधिक कॉल रिकॉर्ड कर चुके हैं।
देखभाल का स्टैंडर्ड बने
केंद्रीय मंत्री ने एक नए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रतिमान की आवश्यकता रेखांकित की जो संस्थानों की सीमाओं से परे हो और समुदाय-आधारित सहायता पर ध्यान केंद्रित करती हो। उन्होंने गणमान्य व्यक्तियों से भारत में मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों के गंभीर मुद्दे पर विचार-विमर्श करने और ऐसे भविष्य की दिशा में काम करने का आग्रह किया जहां मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सुलभ, किफायती, समावेशी और सहानुभूतिपूर्ण हो।
10 में एक मानसिक विकार से पीड़ित
NHRC के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि 10 में से एक व्यक्ति एक या विभिन्न प्रकार के मानसिक विकारों से पीड़ित है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, सार्वजनिक नीति और सामाजिक सहायता प्रणालियों से जुडे एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के बिना, कोई स्वास्थ्य नहीं है। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता रेखांकित की।
अधिनियम पर रिपोर्ट जारी
कार्यक्रम के दौरान, गणमान्य व्यक्तियों द्वारा मानसिक स्वास्थ्य: सभी के लिए चिंता- मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के संदर्भ में नामक पुस्तक और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के कार्यान्वयन की स्थिति पर एक रिपोर्ट भी जारी की गई। सम्मेलन में NHRC के महासचिव भरत लाल; सदस्य राजीव जैन; डॉ. डी. एम. मुले; संयुक्त सचिव डी. के. निम आदि उपस्थित थे।