नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया सिंह पटेल ने सऊदी अरब के जेद्दा में एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) पर चौथे मंत्रिस्तरीय उच्च स्तरीय वैश्विक सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध सेहत पर एक वैश्विक खतरा है, जिसके लिए वन हेल्थ दृष्टिकोण के साथ तत्काल कार्रवाई की जरूरत है, जो मानव, पशु और पौधों के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण और अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देता है।
बाधाओं को दूर करना जरूरी
उन्होंने निगरानी को मजबूत करने, सहयोग को बढ़ावा देने और एंटीमाइक्रोबियल पहुंच में महत्वपूर्ण बाधाओं को दूर करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत सभी क्षेत्रों में AMR का पता लगाने और निगरानी क्षमताओं में सुधार करने के उद्देश्य से एक व्यापक दृष्टिकोण का प्रस्ताव करता है। इससे स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर साक्ष्य-आधारित एंटीमाइक्रोबियल उपयोग को निर्देशित करने के लिए डेटा का उपयोग सक्षम हो सकेगा।
वैश्विक प्रयासों को भारत का समर्थन
श्रीमती पटेल ने AMR से संबंधित मौतों की आधारभूत दरों की गणना करने के लिए सांख्यिकीय मॉडलिंग में क्षमता निर्माण की जरूरत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इससे सदस्य देशों को UNGA राजनीतिक घोषणा में प्रतिबद्ध एएमआर से संबंधित मौतों को 10 प्रतिशत तक कम करने के वैश्विक लक्ष्य की दिशा में प्रगति को ट्रैक करने में मदद मिलेगी। भारत AMR से निपटने में वैश्विक प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि समाधान संदर्भ-विशिष्ट और टिकाऊ हों।